भटकल फैलाना चाहता था दहशत
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

भटकल फैलाना चाहता था दहशत

by
Mar 3, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 Mar 2014 14:45:13

आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का सह-संस्थापक यासीन भटकल अल-कायदा प्रमुख रहे आतंकी ओसामा बिन लादेन से प्रभावित था। 24 फरवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में भटकल का आरोपपत्र दाखिल करते हुए यह खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने किया। भटकल मुस्लिम युवाओं को भड़काने के लिए उन्हें वीडियो रिकॉर्डिंग भी दिखाता था। एनआईए ने 277 पृष्ठों वाला आरोपपत्र दाखिल किया है। इस पर आगामी 7 मार्च को सुनवाई होगी। एनआईए ने भटकल व अन्य पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, प्रतिबंधित संगठन की सदस्यता लेने सहित अन्य कई धाराओं के तहत मामला बनाया है।

एनआईए ने अदालत को बताया कि भटकल लादेन से प्रेरणा लेकर उसके जैसा बनने का प्रयास करता था। इसके लिए वह लादेन से जुड़ा हर वीडियो रिकॉर्ड कर उसे देखता रहता था। यही नहीं मुस्लिम युवकों को भड़काने के लिए वह इन्हीं रिकॉर्डिंग्स का सहारा लेता था। लादेन के भड़कीले भाषण देने के तरीके को वह स्वयं युवाओं को बोलकर अपनाता था। लादेन से जुड़े कुछ कागजात भी भटकल से बरामद हुए थे। उनमें मजहब के नाम पर भाषण से संबंधित कुछ अंश और संगठन से जुड़ने वाले नये आतंकियों का उत्साह बढ़ाने के लिए प्रयोग करता था।

एनआईए ने अपनी रपट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रपट के मुताबिक, पिछले साल एक जून को इंटरनेट पर हुई बातचीत में यासीन से उसके चचेरे भाई रियाज भटकल ने कहा था कि पाकिस्तान में सब कुछ उपलब्ध है। यदि सही तरह से प्रयास किया जाए तो परमाणु बम भी मुहैया हो सकता है। यासीन की योजना सूरत में परमाणु बम से हमला करने की थी, लेकिन रियाज ने यह कहकर तब मना कर दिया था कि उसमें मुस्लिम की भी जान चली जाएगी। – प्रतिनिधि

 

भटकल ने माना धमाकों में था उसका हाथ

यासीन भटकल ने पुणे की जर्मन बेकरी और बेंगलूरू के चिन्ना स्वामी स्टेडियम में हुए बम धमाकों में अपनी मिलीभगत स्वीकार की है। उसने माना कि उसने वहां पर विस्फोटक रखा था और साल 2008 में दिल्ली में हुए सिलसिलेवार धमाकों के लिए विस्फोटक प्रदान किया था। दंडाधिकारी के समक्ष भटकल ने इन बातों को स्वीकार किया है। पिछले वर्ष अक्तूबर धारा 164 के तहत दंडाधिकारी को दिए अपने बयानों में भटकल ने कहा था कि मई 2008 में जयपुर में सिलसिलेवार धमाके उसके द्वारा तैयार किए गए विस्फोटक की क्षमता की जांच करने के लिए किए गए थे। विस्फोटक तैयार करने में वह एक हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित हुआ। एनआईए ने बयान को भटकल और तीन अन्य के खिलाफ दायर आरोप पत्र के साथ दिल्ली के न्यायालय में दायर किया है। भटकल ने इस बात को भी माना कि उसने 26 जुलाई, 2008 को अमदाबाद में हुए सिलसिलेवार धमाकों के लिए विस्फोटक तैयार किया था।

 

गोवा जेल में तेजपाल से मिला मोबाइल, शिकायत दर्ज

गोवा के उप जेल की जिस कोठरी में तहलका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल और अन्य छह बंदियों को रखा गया था, वहां से मोबाइल फोन बरामद होने के बाद तेजपाल सहित छह अन्य बंदियों के खिलाफ जेल प्रशासन ने एक औपचारिक पुलिस शिकायत कराई है।

उल्लेखनीय है कि गोवा पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक गोपाल पारसेकर ने मीडिया को बताया था कि गत 23 फरवरी को जेल के औचक निरीक्षण के दौरान तेजपाल के पास एक मोबाइल फोन बरामद हुआ था, उसमें एक सिम कार्ड भी लगा हुआ था। तेजपाल के खिलाफ औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज की गई है। तेजपाल पिछले वर्ष से तहलका पत्रिका के एक कार्यक्रम के दौरान अपने साथ काम करने वाली एक महिला पत्रकार का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में उप-जेल की कोठरी संख्या-14 में बंद हैं।

जानकारी के अनुसार ह्यसब डिवीजनल मजिस्ट्रेटह्ण गौरिश शंखवालकर ने जेल में छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान जेल से कई मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। हर मोबाइल फोन में सिम लगा हुआ था। जेल अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्टया जांच में तेजपाल को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। इस बात की जांच की जाएगी कि जेल के अंदर मोबाइल लाने में किसने तेजपाल की मदद की।

पुलिस का कहना है कि जेल में दो स्तरीय तलाशी होती है। पहले ह्यइंडिया रिजर्व बटालियन ह्ण के जवान और फिर जेल के सुरक्षाकर्मी तलाशी लेते हैं। इसके बाद ही किसी को अंदर आने दिया जाता है। इस बात का पता जांच के बाद ही लग पाएगा कि जेल के अंदर मोबाइल कैसे पहुंचा?

 

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की त्रिदिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

अमृतसर में 21, 22 व 23 फरवरी को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला आयोजित हुई। इसकी अध्यक्षता न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दीनानाथ बत्रा ने की। कार्यशाला का उद्घाटन पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रजनीश अरोड़ा ने किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के शिक्षा में परिवर्तन के कार्य से हमारा विश्वविद्यालय सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। हम न्यास के साथ मिलकर मूल्य आधारित शिक्षा, पर्यावरण की शिक्षा एवं वैदिक गणित पर कार्य कर रहे हैं। श्री दीनानाथ बत्रा ने वेंडी डोनिगर की किताब ह्यद हिन्दूज एन ऑल्टरनेटिव हिस्ट्रीह्ण को पेंग्विन प्रा.लि. इंडिया द्वारा वापस लेने की बात का स्वागत करते हुए कहा कि हमने लड़ाई जीती है, युद्ध जीता है। उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों की पाठ्य-पुस्तकों का अध्ययन करके उसमें जो भी गलत बातें हैं, उनको ठीक करवाने के कार्य को और गति देने की आवश्यकता है।

कार्यशाला में पारित प्रस्ताव

पहले प्रस्ताव में कहा गया है कि 'द हिन्दूज़ एन ह्यऑल्टरनेटिव हिस्ट्री' किताब पर लगी रोक के बाद देश के तथाकथित वामपंथी विचारधारा के लोग तिलमिला गए हैं। एक विदेशी महिला भारत और भारतीय संस्कृति का अपमान कर रही है। पर कुछ तथाकथित विद्वान उस महिला का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे विद्वानों को बेनकाब किया जाना चाहिए।

दूसरे प्रस्ताव में कहा गया है कि र्शक्षिा संस्कृति उत्थान न्यास का गठन देश की शिक्षा को नया विकल्प देने हेतु हुआ है। इस हेतु आगामी दिनों में भारत शिक्षा नीति आयोग के नाम से एक गैर सरकारी शिक्षा आयोग गठित किया जाएगा। तीसरा प्रस्ताव पं. मदनमोहन मालवीय र्शक्षिाविद् सम्मान पर केन्द्रित है। इसमें बताया है कि शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के द्वारा विगत तीन वर्षों से भारतीय चिन्तन के आधार पर र्शक्षिा क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले शिक्षाविद् को यह सम्मान दिया जाता है। इस वर्ष यह सम्मान विख्यात शिक्षाविद् एवं आध्यात्मिक पुरोधा डॉ.प्रणव पंड्या को दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री दीनानाथ बत्रा ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद श्री अविनाश राय एवं स्थानीय विधायक श्रीमती नवजोत कौर सिन्धु विशेष अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे।

कार्यशाला के समापन में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव श्री अतुल कोठारी ने कहा कि देश की सारी समस्याओं की जड़ मूल्यविहीन शिक्षा है। अगर देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलना होगा।

– प्रतिनिधि

 

यमुना जल पर दिल्ली समेत चार राज्यों को नोटिस

यमुना और गंगा में न्यूनतम प्रवाह बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी नदियों में छोड़ने की मांग पर सर्वोच्च न्यायालय ने हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा ने सर्वोच्च न्यायालय से मांग की है कि वह दिल्ली को पानी देने के अपने सभी आदेश वापस ले क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय को राज्यों के बीच पानी बंटवारे को लेकर चलने वाले विवादों को सुनने का अधिकार ही नहीं है। मुख्य न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये नोटिस दो याचिकाओं पर जारी किए हैं। मामले में सुनवाई के दौरान हरियाणा की तरफ से न्यायालय में पेश हुए अधिवक्ता ने न्यायालय द्वारा दिल्ली को पानी दिए जाने के सभी आदेश वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि जल बंटवारे के अंतरराज्यीय विवादों में सुनवाई का कोई अधिकार न्यायालय को नहीं है। न्यायालय ने हरियाणा की अर्जी पर एटार्नी जनरल से सुनवाई में मदद करने का अनुरोध किया है। उधर, दूसरी तरफ 1992 से यमुना में न्यूनतम प्रवाह बनाए रखने के लिए हरियाणा से पानी दिलाए जाने की मांग करने वाले कमांडर सुरेश्वर सिन्हा की अधिवक्ता सिमर सूरी ने कहा कि न्यायालय हरियाणा को पानी देने के आदेश का पालन कराए। यमुना में न्यूनतम प्रवाह बनाए रखने के लिए हरियाणा को 352 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया जाए। साथ ही फर्रुखाबाद से कानपुर के बीच गंगा में न्यूनतम प्रवाह बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को 14 सौ क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया जाए।

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

­जलालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

­जलालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies