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सर्वोच्च न्यायालय में 4 मार्च को लखनऊ से जब सहारा प्रमुख सुब्रत राय को लाया गया तो एक व्यक्ति ने उनके मुंह पर स्याही फेंक दी। स्याही फेंकने वाले मनोज शर्मा का कहना था कि ह्यसुब्रत राय चोर हैंह्ण जिस वजह से उसने ऐसा किया। हांलाकि उसके बाद स्याही फेंकने वाले की राय समर्थकों ने पिटाई कर डाली। उधर निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपये नहीं लौटाने के मामले में गिरफ्तार सुब्रत राय 11 मार्च तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपी राय से कहा है कि वे 11 मार्च तक अपनी योजना बताएं जिसके तहत लोगों की राशि लौटाई जाएगी। सहारा के दो अन्य निदेशको को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सुब्रत राय के वकील राम जेठमलानी ने सर्वोच्च न्यायालय से दो माह का समय राशि लौटाने के लिए मांगा है। न्यायालय में कहा गया है कि संपत्ति बेचकर निवेशकों की रुपया लौटाया जाएगा। सुब्रत राय ने न्यायालय के समक्ष माफी भी मांग ली जिसे स्वीकार कर लिया गया। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने समन भेजकर सुब्रत राय को पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन पिछली सुनवाई में वह मां की बीमारी क ी बात कहकर पेश नहीं हुए थे। इसके बाद उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया गया था। इसके बाद नाटकीय अंदाज में उन्होंने 28 फरवरी को लखनऊ की अदालत में समर्पण कर दिया था।
० वर्ष 2012 में न्यायालय ने सहारा से निवेशकों का 25 हजार करोड़ रुपया लौटाने को कहा था। यह राशि ह्यसेबीह्ण के पास जमा करानी थी।
० बाद में सहारा ने 5206 करोड़ रुपये चुका दिए, बाकी राशि को लेकर दावा किया कि ये रकम निवेशकों को नगद चुकाई जाएगी।
० ह्यसेबीह्ण ने सहारा के इस दावे को खारिज कर सर्वोच्च न्यायालय में कंपनी निदेशकों के खिलाफ अवमानना की अर्जी लगाई थी।
० इस अर्जी पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुब्रत राय समेत तीनों निदेशकों को 20 फरवरी को पेश होने को कहा था।
० पेश नहीं होने पर जारी हुए थे गैरजमानती वारंट। पाञ्चजन्य ब्यूरो
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