किसानों और गरीबों के हितों की जीत
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

किसानों और गरीबों के हितों की जीत

by
Dec 15, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 15 Dec 2014 13:26:41

–
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कूटनीतिक कौशल के परिणामस्वरूप विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत के किसानों और गरीबों के हितों की बड़ी जीत हुई है। डब्ल्यूटीओ की महासभा ने गत 27 नवंबर को खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए 'पब्लिक स्टॉक होल्डिंग' के संबंध में एक अहम निर्णय किया है जिसके बाद भारत में गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मंडरा रहा संकट टल गया है।
भारत अब डब्ल्यूटीओे के सदस्य देशों के दखल के बगैर गरीबों को सस्ता अनाज देता रहेगा और किसानों को उनकी उपज के लिए उचित एमएसपी मुहैया कराएगा। 2013 में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में डब्ल्यूटीओ की बाली मंत्रिस्तरीय वार्ता में बनी सहमति के बाद भारत जैसे विकासशील देशों के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए अनाज के भंडारण और एमएसपी की व्यवस्था पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे थे। राजग की सरकार ने 26 मई, 2014 को सत्ता में आने के बाद जुलाई में ही डब्ल्यूटीओ को साफ बता दिया कि भारत गरीबों की खाद्य सुरक्षा और किसानों के लिए एमएसपी के मुद्दे पर कोई समझौता स्वीकार नहीं करेगा।
राजग सरकार ने कहा कि बाली मंत्रिस्तरीय वार्ता का कोई भी फैसला लागू होने से पहले खाद्य सुरक्षा के सम्बंध में 'पब्लिक स्टॉक होल्डिंग' के मुद्दे का स्थाई समाधान निकाला जाए। भारत ने अपनी नाराजगी जताते हुए डब्ल्यूटीओ के व्यापार सरलीकरण समझौते पर हस्ताक्षर करने से भी मना कर दिया था जिस पर 31 जुलाई, 2014 तक हस्ताक्षर होने थे।
दरअसल विकसित देश विकासशील देशों के बाजार में अपना व्यापार बढ़ाने के लिए खाद्य छूट में कटौती की वकालत कर रहे हैं। भारत ने इस कटौती का यह कहकर विरोध किया कि खाद्य छूट में कटौती से लघु और सीमांत किसानों तथा गरीबों के हितों को चोट पहुंचेगी। गरीबों और किसानों को बड़ा नुकसान होगा। असल में कृषि पर विश्व व्यापार संगठन के समझौते के तहत विकासशील देशों को कृषि क्षेत्र में घरेलू मदद घटाकर कुल उत्पादन की 10 प्रतिशत करनी है। उत्पादन का आधार 1987-88 के मूल्य स्तर को माना गया है, जो अब काफी पुराना हो गया है। विकसित देशों के लिए यह सीमा 5 प्रतिशत थी। विकसित देश इसमें गरीबों के लिए चलायी जाने वाली खाद्य सुरक्षा योजना की छूट को शामिल करने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत होने वाले खाद्यान्न भंडारण की सीमा तय करने का दबाव बना रहे हैं।
विकसित देशों की दलील है कि छूट देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादों के खरीदने और पीडीएस में सस्ती दर पर बेचने से बाजार में विसंगति पैदा होती है। भारत अगर इस प्रस्ताव को मान लेता तो 2017 के बाद गरीबों को सस्ता अनाज बांटने और किसानों को एमएसपी देने की व्यवस्था को जारी रखने पर अनिश्चितता के बादल मंडरा जाते। कृषि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय नहीं हो पाता। पीडीएस के लिए अनाज भंडारण करना भी संभव नहीं होता। भारत के लिए खाद्य छूट के महत्व का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि भारत फिलहाल गेंहू और धान सहित डेढ़ दर्जन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देता है । साथ ही पीडीएस के तहत गरीबों को बांटने के लिए हर साल लगभग 6 करोड़ टन अनाज का भंडारण करता है।
यही वजह है कि राजग सरकार ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। अब डब्ल्यूटीओ की महासभा ने यह निर्णय कर स्पष्ट कर दिया है कि अगर 2017 तक 'पब्लिक स्टॉक होल्डिंग'के मुद्दे पर कोई समाधान नहीं भी निकलता है तो डब्ल्यूटीओ का कोई सदस्य देश भारत के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को चुनौती नहीं दे सकेगा। इस तरह हमारे गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा और लघु व सीमांत किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की नीति को जारी रखने पर अब कोई खतरा नहीं होगा। इससे भारत की तरह के कई अन्य देशों को भी लाभ होगा। भारत को अनिश्चितकालीन छूट मिलने से डब्ल्यूटीओ के सदस्यों पर इस मुद्दे का शीघ्र ही स्थाई हल निकालने का दबाव भी बना रहेगा। वहीं भारत को जल्दबाजी में कोई समझौता स्वीकार करने को मजबूर भी नहीं होना पड़ेगा। डब्ल्यूटीओ सदस्यों को 31 दिसंबर, 2015 तक खाद्य सुरक्षा के लिए 'पब्लिक होल्डिंग' का स्थाई हल निकालने के प्रयास करने होंगे। डब्ल्यूटीओ के संबंधित प्रावधानों के अनुसार महासभा के इन निर्णयों की वैधानिक स्थिति मंत्रिस्तरीय बैठक के निर्णयों के बराबर है। इस तरह यह भारत के गरीबों और किसानों के हितों की बड़ी जीत है।
इस जीत की भूमिका उसी समय तैयार हो गई थी जब भारत ने जुलाई में डब्ल्यूटीओ के व्यापार सरलीकरण समझौते पर आम राय में शामिल होने से मना कर दिया था। उस समय उदारवादी नीतियों के कथित समर्थकों ने भारत के इस रुख की काफी आलोचना की थी। भारत पर मुक्त व्यापार की राह में रोड़ा अटकाने के आरोप भी लगे, लेकिन राजग सरकार इन आरोपों से बेपरवाह किसानों और गरीबों के हितों पर अडिग रही। बीते चार महीनों में भारत विश्व के धनी देशों को अपनी इस उचित चिंता के बारे में समझाने में कामयाब रहा। अमरीका ने भी भारत की चिंता को सही ठहराया और उसका हल निकालने पर सहमति जताई। सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमरीकी यात्रा और उसके बाद 12 नवंबर को म्यांमार में अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से उनकी मुलाकात के बाद अमरीका इस मुद्दे पर भारत के सुर में सुर मिलाने लगा था। इस तरह राजग सरकार के कूटनीतिक कौशल और प्रभावी नेतृत्व के प्रयासों से हमारी खाद्य सुरक्षा और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडराया संकट टल गया। -श्रीकांत शर्मा

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

Sawan 2025: भगवान शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये 7 चीजें

CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में जबरन कन्वर्जन पर सख्त योगी सरकार, दोषियों पर होगी कठोर कार्यवाही

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

Sawan 2025: भगवान शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये 7 चीजें

CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में जबरन कन्वर्जन पर सख्त योगी सरकार, दोषियों पर होगी कठोर कार्यवाही

Dhaka lal chand murder case

Bangladesh: ढाका में हिंदू व्यापारी की बेरहमी से हत्या, बांग्लादेश में 330 दिनों में 2442 सांप्रदायिक हमले

प्रदर्शनकारियों को ले जाती हुई पुलिस

ब्रिटेन में ‘पैलेस्टाइन एक्शन’ के समर्थन में विरोध प्रदर्शन, 42 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

Trump Tariff on EU And maxico

Trump Tariff: ईयू, मैक्सिको पर 30% टैरिफ: व्यापार युद्ध गहराया

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies