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अंक संदर्भ: 9 नवम्बर, 2014
आवरण कथा 'विकास में जताया विश्वास' से प्रमाणित हो गया है कि अब देश की जनता किसे शासन करते देखना चाहती है। महाराष्ट्र एवं हरियाणा के चुनाव में जनता ने उनको आइना दिखाया है, जिनको दंभ था कि वे ही इन राज्यों के सच्चे हिमायती हैं। नरेन्द्र मोदी की कार्यकुशलता का ही परिणाम है कि वह इतने कम दिन में जनता के भरोसे पर खरे उतरे और महाराष्ट्र एवं हरियाणा में भाजपा को एक मजबूत पार्टी के रूप में स्थापित किया।
—उदय कमल मिश्र,
सीधी (म.प्र.)
ङ्म दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम में भाजपा को मिली शानदार विजय से यह स्पष्ट हो गया है कि नरेन्द्र मोदी करिश्माई व्यक्तित्व के धनी हैं। जो कहते हैं वह करते हैं और इसी का परिणाम है कि संपूर्ण देश की जनता उनकी ओर आशा की निगाहों से देख रही है। भारत के लिए आज गौरवपूर्ण बात है कि उसको ऐसा पुत्र मिला है, जो उसके सिर को गौरव से ऊंचा करने के लिए रात-दिन एक किए हुए है।
—कुंवर बीरेन्द्र सिंह
कम्पू-लश्कर,ग्वालियर (म.प्र.)
ङ्म देश में लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। जनता उन लोगों को अब पहचान चुकी है, जो देश के भक्षक हैं। स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस का देश पर अधिकतम समय तक शासन रहा है, लेकिन अगर देखा जाए तो इस शासन में देश और जनता को क्या मिला? भ्रष्टाचार, लूट, बलात्कार, देश विरोधी गतिविधियां। अब जनता ने इनको पहचान लिया है और उसका परिणाम आज हमारे सामने है। हरियाणा के चुनाव में जिस तरीके से विद्यार्थियों ने योगदान किया वह अपने आप में अनूठा है और उसके लिए वे सब बधाई के पात्र हैं।
—कृष्ण वोहरा
जेल मैदान, सिरसा (हरियाणा)
ङ्म हरियाणा में परंपरागत राजनीतिक लड़ाइयों से दूर पहली बार इतना महत्वपूर्ण फैसला देखने को मिला कि अच्छे-अच्छे राजनीतिक समीकरण टूट गए। इसी का परिणाम है कि भगवा रंग देश में चढ़ने लगा है। भ्रष्ट तंत्र से छुटकारा पाने हेतु 2014 का यह वर्ष बदलाव का प्रतीक बनता जा रहा है। दोनों राज्यों में कांग्रेस एक बार फिर चित हुई और उसके सभी वादों को जनता ने नकार कर एक ऐसी मिशाल प्रस्तुत की जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था। अब भाजपा को भी बड़े सधे कदमों से चलना होगा क्योंकि जनता की सभी आशाओं का बोझ उसके कंधों पर है। इसलिए वह ऐसा कोई भी कार्य न करें, जिससे कि देश की जनता की कोई भावना आहत हो।
—हरिहर सिंह चौहान
जंबरी बाग नसिया, इंदौर (म.प्र.)
ङ्म हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली जीत भाजपा की स्वच्छ छवि और कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत का परिणाम है। महाराष्ट्र में कार्यकर्ताओं ने जो कर दिखाया वह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि तो है ही साथ ही गौरवान्वित करने वाला कार्य है। दोनों राज्यों में मिली जीत ने साबित कर दिया कि जनता उनके साथ कदमताल मिलाकर चल रही है और केन्द्र में विराजमान मोदी सरकार पर उसकी पूरी आस्था है। इस विजय ने कांग्रेस मुक्त भारत अभियान में दो कदम और आगे बढ़कर कांग्रेस की रातों की नींद छीन ली है।
—वेदप्रकाश लाम्बा
रामपुरा, यमुनानगर (हरियाणा)
ङ्म हरियाणा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत तथा महाराष्ट्र में अपेक्षा से अधिक जनसमर्थन भाजपा नेतृत्व के लिए उत्साह का विषय है। परन्तु महाराष्ट्र का परिणाम हर्ष के साथ कुछ चिंताएं भी लेकर आया है। बाईकला तथा औरंगाबाद (मध्य) विधानसभा पर एआईएमआईएम को मिली सफलता के परिणाम दूरगामी हैं। देश तोड़ने की भावना रखने चाले ओवैसी बंधु का दल समाज को तोड़ने का जनक बन सकता है। एआईएमआईएम जैसे दलों के विस्तार पर यदि प्रथम दिवस से ही अंकुश नहीं लगाया गया तो यह समाज को तोड़ने वाले लोगों का पोषक बन जायेगा। महाराष्ट्र में रही पिछली सरकारों ने मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में प्रयोग ही किया है और उनके विकास के नाम पर क्या हुआ यह देखने से स्पष्ट हो जाता है।
—डॉ. गुलरेज शेख
ज्ञाननगर, कोठी रोड-उज्जैन (म.प्र.)
ङ्म दोनों राज्यों की विधानसभाओं के परिणाम हम सबके सामने हैं। इस जनादेश के कई मायने हैं। जहां जनता ने हरियाणा में एक दल को पूर्ण बहुमत दिया तो वहीं महाराष्ट्र में भी अपनी भावना का प्रकटीकरण बखूबी किया। महाराष्ट्र के जनादेश को खंडित रूप से देखना ठीक नहीं है। जनभावना स्पष्ट है। इन राज्यों में हुए चुनावों और आए परिणामों से स्पष्ट हो गया है कि अब अधिक समय तक जनता को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। स्वार्थ को छोड़कर जवाबदेही के साथ जनअपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास कर राजनीति में एक अच्छी परम्परा की शुरुआत की जानी चाहिए।
—विनोद तिवारी
शिवगढ़, रायबरेली (उ.प्र.)
ङ्म हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे राजनीति के उस व्यवसाय को समाप्त करने का मतदाताओं का संदेश है, जहां जातिवाद, भ्रष्टाचार और जोडतोड़ के बाजार सजाकर जनता का शोषण किया जाता रहा है। हरियाणा के मतदाताओं ने एक ऐसी मिशाल प्रस्तुत की है जिसे भूलना नहीं चाहिए। उसने न तो राबर्ट वाड्रा को स्वीकारा और न ही चौटाला विरासत में बंधने का प्रयास दिखाया। बल्कि इस बार इन प्रदेशों की जनता ने जाट और मराठों के संकीर्णवादी नजरिये से देखने वालों का राजनीतिक मोतियाबिंद ही छांट दिया।
—हरिओम जोशी
चतुर्वेदी नगर, भिंड (म.प्र.)
ङ्मभारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अबतक के कार्यों, विचारों और आह्वानों ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। देश को ऐसे हाथों में सौंपकर जनता अति उत्साहित व अभिभूत है।
—महेन्द्र सिंह हरकुट
128, ब्राह्मणपुरी गली,अलीगढ़(उ.प्र.)
चुनाव आयोग हो गंभीर !
चुनावों में बढ़ते धनबल ने लोकतंत्र की मर्यादाओं को तार-तार किया है। जटिल समीकरणों,सीमाहीन निवेश,मिथ्या घोषणाओं, बेतहाशा प्रचार-प्रसार के चलते जनता को झूठे वादों में फंसाकर कुछ उम्मीदवार ऐसे ही संसद और विधानसभाओं में आ रहे हैं। जिसका परिणाम होता है कि वे यहां आकर ऐसे सभी गलत कार्य करते हैं, जो इससे पहले नहीं कर पाते थे। चुनाव आयोग को चाहिए कि वह इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर ही न रखे अपितु समय-समय पर उचित कार्यवाई करें ताकि जनता में यह संदेश जाए कि चुनाव आयोग भी कुछ कर सकता है।
—मधुसूदन अग्रवाल
गोरक्षण बाजार,जबलपुर (म.प्र.)
प्रेरणादायी अंक
वर्तमान युग विज्ञान और तकनीक का है। विकास और उन्नति के लिए परिवर्तन हमेशा होता आया है तथा होता भी रहेगा। पाञ्चजन्य के दीपावली विशेषांक में एक दर्जन से अधिक सफलतम् लोगों के बारे में जानने को मिला। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों से फर्श से अर्श की यात्रा तय करने वालों के विषयों को पढ़कर प्रेरणा मिली। असल में सफलता के नियम पहले भी वे ही थे और आज भी वे ही हैं और आगे भी वे ही रहेंगे। इन्हें पूरा करने के लिए अगर किन्हीं चीजों की आवश्यकता है तो वह है पक्का इरादा और अपने कार्य पर अगाध श्रद्धा। जिस दिन कार्य में इनका समावेश हो गया उस दिन दुनिया की कोई ताकत नहीं जो आप को अपने पथ से डिगा दे।
—पूरन मर्दा,वर्धमान नगर,मालेगंाव(महाराष्ट्र)
समाज विरोधी षड्यंत्र
पिछले दिनों बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जानबूझकर समाज में विभेद पैदा करने के लिए अगड़ी जातियों के विरुद्ध नस्लीय टिप्पणी की। मुख्यमंत्री ने उक्त नस्लभेदी टिप्पणी कर सामाजिक समरसता को छिन्न-भिन्न करने के उद्देश्य से भारतीय संविधान का मखौल उड़ाया है। सवाल है कि क्या मुख्यमंत्री का काम यह रह गया है कि वह इस प्रकार की ओछी हरकतें करे और समाज में जात-पात को बढ़ाए? माझी का बयान इस ओर इशारा करता है कि उनके पीछे कुछ ऐसी मिशनरियां हैं, जो चाहती हैं कि हिन्दू समाज में दरार पैदा हो और उसी का फायदा उठाकर हम अपने मतलब को सिद्ध करें।
—योगश कुमार 'गंभीर'
होटल स्वागत, घंटाघर जिला-सहारनपुर(उ.प्र.)
संशोधन की जरूरत
लोकतंत्र के इतिहास में लाल बहादुर शास्त्री के बाद देश को अब एक ऐसा नाम मोदी के रूप में मिला है जो सच में गरीबी के हर क्षण से भलीभांति परिचित है। देश को आशाएं भी उनसे अपार हैं क्योंकि समाज के निचले स्तर का वास्तव में वही दुख-दर्द अच्छी तरह से समझ पायेगा जिसने उसको सहा और देखा हो। आज न्यायालय में लंबित मुकद्मों की संख्या अपार है जिसके कारण न्याय की आस में ही कइयों के प्राण पखेरू उड़ जाते हैं और न्याय नहीं मिल पाता है। देश की जनता को आशा है कि मोदी इस क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण कार्य करेंगे जिससे जनता को उचित समय पर उचित न्याय मिल सकेगा।
—खां अहमद जावेद
मोहम्मदाबाद, गाजीपुर (उ.प्र.)
संत समाज का आह्वान
वर्षों से संत समाज गोरक्षा के लिए प्रयासरत है और समय-समय पर उसने इस कार्य के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दी है। पुरी पीठाधीश्वर श्री निश्चलानंद जी महाराज ने साक्षात्कार में देश के मौजूदा तंत्र को अपने मंतव्य से अवगत कराया है।
—गोपाल कृष्ण पण्ड्या, उज्जैन (म.प्र.)
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