चिंतन- 'सिद्धान्तों से समझौता नहीं'
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चिंतन- 'सिद्धान्तों से समझौता नहीं'

by
Nov 1, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 01 Nov 2014 15:03:35

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह कथित पंथनिरपेक्षता वादियों के दबाव में अपनी राह से रत्तीभर भी डिगने वाला नहीं है। संघ का मानना है कि समाज का उसे भरोसा प्राप्त हैै और उसके लिए यही सबसे बढ़कर है। समाजवादी पार्टी या कांग्रेस उस पर कैसी भी टिप्पणियां करें, उसे इन आरोपों की कोई चिंता नहीं है। वह चिंता करे भी तो क्यों जब समाज का भरोसा उस पर कायम है। इसलिए कौन क्या कह रहा है, इससे बेफिक्र रहकर वह समाज सेवा और सामाजिक समस्याओं के समाधान का काम करता रहेगा। संघ को समाज की चिंता पर चिंतन करने की फिक्र है। कोई उस पर क्या आरोप लगा रहा है, इसको लेकर न तो वह चिंतित है और न इसकी चिंता करने का उसके पास वक्त है। संघ के केंद्रीय कार्यकारी मंडल की लक्ष्मणपुरी-लखनऊ में निराला नगर स्थित सरस्वती कुंज में 17 से 19 अक्तूबर तक चली तीन दिवसीय बैठक के बाद यह बात एक बार फिर साफ हो गई है। सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने बैठक के बाद कहा भी कि संघ आरोपों या मीडिया के निष्कषार्ें पर काम नहीं करता। वह इस आधार पर कोई फैसले नहीं करता। संघ को सिर्फ समाज के निष्कषार्ें की ही परवाह है। समाज से निकलने वाले निष्कर्ष साबित करते हैं कि संघ का काम ठीक दिशा में आगे बढ़ रहा है। लोगों में संघ के नजदीक आने और उससे जुड़ने की ललक बढ़ रही है। संचार साधनों व इंटरनेट के जरिये हर महीने औसतन सात-आठ हजार लोग संघ से जुड़ने का आग्रह कर रहे हैं। उसमें भी अधिकतर युवा हैं। गत एक वर्ष में लगभग सवा लाख लोग संघ सेे जुड़े हैं। एक साल में पूरे देश में लगभग असंख्य स्थानों पर संघ की शाखाएं शुरू हुई हैं। आरोप लगाने वालों को ये स्थितियां जवाब हैं।
संघ को लेकर अक्सर यह दुष्प्रचार किया जाता है कि वह पुरातनपंथी संगठन है। इन लोगों को ये आंकड़े सटीक जवाब दे सकते हैं कि एक वर्ष में संघ ने जिन सवा लाख लोगों के जुड़ने का आग्रह स्वीकार किया उनमें 90 प्रतिशत युवा हैं। इनमें भी 70 प्रतिशत वे हैं जो प्रबंधन, चिकित्सा व तकनीक के उच्च शिक्षण संस्थानों से निकले हैं या इनमें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
जैसी कि आशंका थी वही हुआ। बैठक के पहलेे से ही मुस्लिम वोटों की फसल काटने की चिंता करने वाले कथित पंथनिरपेक्षतावादियों और खुद को प्रगतिशील होने का दावा करने वालों ने कार्यकारी मंडल की बैठक को लेकर इस तरह का माहौल बनाना शुरू कर दिया, ऐसे-ऐसे आरोप लगाए जैसे संघ की बैठक होने भर से पूरेे प्रदेश में तनाव बढ़ जाएगा। इस तरह के दुष्प्रचार में आगे वह समाजवादी पार्टी दिखी, उत्तर प्रदेश में जिसके ढाई साल के शासन में मुजफ्फरनगर सहित इतने स्थानों पर दंगे हो चुके हैं, जिनका हिसाब रखना मुश्किल है। वह मुसलमानों को ही संरक्षण देती नजर आती रही। प्रदेश में इतनी महिलाओं का शीलहरण तक करने की कोशिश हो चुकी है जिनकी गिनती करने में भी शर्म आ जाए। यही नहीं, पिछले दिनों सूबे में आई बाढ़ की विभीषिका में जिनकी संवेदनशीलता तार-तार होती सामने आ चुकी है। संघ को किसी न किसी बहाने बदनाम करने वाले तत्वों ने कुछ अपनी सोच वाले पत्रकारों के माध्यम से बाढ़ पीडि़तों के सेवा कार्य में हिंदू-मुसलमान खोजने की कोशिश की। सवाल हुआ कि घाटी में संघ ने जिन लोगों को राहत पहुंचाई, स्वयंसेवकों ने जिन लोगों को बाहर निकाला, उनमें हिंदू कितने थे? संघ के सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने बताया कि सेवा कार्यों में जुटे स्वयंसेवकों ने सिर्फ इंसान देखे, हिंदू व मुसलमान नहीं।
टीका-टिप्पणी से परे संघ जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की भीषण विभीषिका से बरबाद हुए लोगों को राहत पहुंचाने की चिंता में ही जुटा रहा। अपने ऊपर लगने वाले आरोपों की नहीं बल्कि चिंता यह रही कि जम्मू-कश्मीर में बाढ़ की विभीषिका से बेघर व बरबाद हुए लोगों का पुनर्वास कैसे किया जाए। हिंदुुओं को अपमानित व उत्पीडि़त करने के कुचक्रों से किस तरह पार पाया जाए। संघ का कार्य कैसे बढ़े। वह समाज की सेवा में और अधिक भूमिका का निर्वाह करने के लिए क्या करे। गांवों का विकास, सफाई, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण पर नियंत्रण, नदियों की सफाई, गरीबों की भलाई, सीमाओं पर हो रही गोलाबारी, अलगाववादी व विघटनकारी तत्वों की साजिश जैसे मुद्दों के समाधान के लिए क्या-क्या करना चाहिए।
कुछ पत्रकारों के माध्यम से यह कोशिश भी हुई कि कुछ टेढ़े-मेढ़े सवालों में उलझाकर संघ को विवादों में घसीटा जाए। इसके लिए कभी मुसलमानों और संघ के रिश्तों पर सवाल हुआ तो कभी संघ किसके लिए काम करता है, जैसे सवाल पूछे गए। संघ की तरफ से बिना लाग-लपेट कहा गया कि संघ के एजेंडे में पहले हिंदू हैं। पर, हिंदुओं का मतलब किसी विशेष उपासना पद्घति वालों से नहीं बल्कि इस देश में जन्म लेने वालों से है। पर, वह स्वयं को हिंदू मानता भी हो। इसी तरह राम जन्मभूमि, काले धन की वापसी सहित तमाम विषयों पर ऐसे सवाल-जवाब हुुए। ल्ल

राज्यपाल आगे बढ़े तो तिलमिला उठी समाजवादी पार्टी
सच को सच कहना लोगों को आसानी से हजम नहीं होता। यह बात एक बार फिर साबित हो गई है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाइक कानून-व्यवस्था की, लोगों की चिंता लेकर आगे बढ़े तो समाजवादी पार्टी तिलमिला उठी। उन्होंने सिर्फ इतना भर क्या कहा कि सरकार को कानून-व्यवस्था और लोगों की चिंता का ध्यान रखना चाहिए, मानो कोई बहुत बड़ा गुनाह कर दिया।
समाजवादी पार्टी की तरफ से सबसे पहले वह नरेश अग्रवाल राजभवन की मर्यादा बताने, राज्यपाल को हद में रहने और उनके खिलाफ हल्ला बोल जैसे वाक्य से धमकी देते आगे दिखे, जिनकी राजनीतिक मर्यादा के किस्से पूरे सूबे में जगह-जगह चर्चा में रहते हैं। वैसे धमकाना और अभद्र भाषा का प्रयोग समाजवादी पार्टी की कार्यसंस्कृति का हिस्सा रहा है। पार्टी के नेता पहलेे भी राजभवन को दबाव में लेने की कोशिश करते रहेे हैं। वैसे भी पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में जिस तरह राज्यपालों को निशाना बनाया गया, उससे साफ हो गया था कि राज्यपाल राम नाइक का आम लोगों के लिए राजभवन का दरवाजा खोलना और जनता की कठिनाइयों को आवाज देना सपा को सुहा नहीं रहा है।
राज्यपाल राम नाइक ने 20 अक्तूबर को 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम में अपने तीन महीने के कार्यकाल पर 'राजभवन में राम नाईक' पुस्तक का लोकार्पण क्या कर लिया, मानो सपा के लिए मुसीबत आ गई। आए भी तो क्यों न, आखिर सरकार में बैठे लोगों ने तो ढाई वर्ष में भी यह बताने की जरूरत नहीं समझी कि उन्होंने जनता की अपेक्षाओं को कितना समझा? ऐसे में राज्यपाल अगर तीन महीने के अपने काम जनता को बताने के लिए राजभवन में राम नाइक पुस्तक लोगों में बंटवाकर यह संदेश दें कि राज्यपाल होने के बावजूद वह जनता के दुख-दर्द के निराकरण में सहभागी बने रहना चाहते हैं तो जनता की अपेक्षाओं की परवाह न करने वाले सत्ताधीशों का बौखलाना स्वाभाविक ही है। पर, राज्यपाल ने कहा कि सरकार ठीक से काम करे, संविधान के अनुसार काम करे, यह देखना उनकी जिम्मेदारी है।
जब उनसे पत्रकारों ने यह सवाल किया कि संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत को राजभवन में आमंत्रित करने को वह क्या मानते हैं? राज्यपाल ने जवाब दिया कि सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत उनके बहुत पुराने मित्र हैं। हमने तो मुलायम सिंह यादव, मायावती, शरद यादव, रीता बहुगुृणा जोशी को बुलाकर भी भेंट की थी। राजभवन के दरवाजे जब आम लोगों के लिए खुले हैं तो 'मित्रों के लिए बंद नहीं होंगे'। मित्रों के आने का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। 'राजभवन में राम नाइक' पुस्तक के लोकार्पण के अवसर पर राज्यपाल श्री राम नाइक की पुत्री विशाखा कुलकर्णी, राजभवन की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर सहित कई अधिकारी उपस्थित थे। ल्ल

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

Fact check: पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation Sindoor

सेना सीमा पर लड़ रही, आप घर में आराम चाहते हैं: जानिए किस पर भड़के चीफ जस्टिस

India opposes IMF funding to pakistan

पाकिस्तान को IMF ने दिया 1 बिलियन डॉलर कर्ज, भारत ने किया विरोध, वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?

आलोक कुमार

‘सुरक्षा और विकास के लिए एकजुट हो हिन्दू समाज’

प्रतीकात्मक तस्वीर

PIB fact check: पाकिस्तान का भारत के हिमालय क्षेत्र में 3 IAF जेट क्रैश होने का दावा फर्जी

Gujarat Blackout

भारत-पाक के मध्य तनावपूर्ण स्थिति के बीच गुजरात के सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट

S-400 difence System

Fact check: पाकिस्तान का एस-400 को नष्ट करने का दावा फर्जी, जानें क्या है पूरा सच

India And Pakistan economic growth

भारत-पाकिस्तान: आर्थिक प्रगति और आतंकवाद के बीच का अंतर

कुसुम

सदैव बनी रहेगी कुसुम की ‘सुगंध’

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारतीय वायुसेना की महिला पायलट के पाकिस्तान में पकड़े जाने की बात झूठी, PIB फैक्ट चेक में खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies