चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करें
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चीन भारत के लिए सामरिक व आर्थिक रूप से खतरा बनता जा रहा है। चीनी खतरे का मुकाबला करने के लिए भारत को सामरिक और आर्थिक रूप से शक्तिशाली होना पडे़गा। इसलिए देशवासियों को चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए।ह्णयह कहना था फिन्स तथा भारत- तिब्बत सहयोग मंच के संरक्षक-संस्थापक श्री इन्द्रेश कुमार का। वे 13 जनवरी को कटक में फिन्स की ओडिशा शाखा द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत व चीन के बीच तिब्बत एक ह्यबफर स्टेटह्ण के रूप में था, लेकिन 1954 में नेहरू की गलती से तिब्बत पर चीन का कब्जा हो गया। इससे भारत की उत्तरी सीमा असुरक्षित हो गई है । भारत की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए तिब्बत समस्या का समाधान करना जरूरी है। कार्यक्रम को मे.ज. बी़ के महापात्र, डॉ. प्रभात मिश्र, फिन्स के ओडिशा प्रदेश सचिव तथा वरिष्ठ पत्रकार प्रताप महंती ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर्नल के़ एम. आचार्य ने की।
गत 12 जनवरी को वरिष्ठ समाजसेवी सरदारमल कांकरिया को वर्ष 2014 ग्के विवेकानंद सेवा सम्मान से विभूषित किया गया। एक विशेष समारोह में कोलकाता महानगर की विख्यात साहित्यिक संस्था श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय की ओर से उन्हें इस सम्मान से सम्मानित किया गया। मानव सेवा के क्षेत्र में सरदारमल कांकरिया के उल्लेखनीय कार्य को देखते हुए उन्हें 51 हजार रुपये का चेक, शाल व मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह मेंं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत बनाने के लिये नैतिकता व मूल्य आधारित शिक्षा जरूरी है। समारोह के मुख्य वक्ता तथा प्रखर चिंतक डॉ़ स्वरूप प्रसाद घोष ने कहा कि वर्तमान भारतीय समाज कई प्रकार के संघर्ष से गुजर रहा है। ऐसे में स्वामी विवेकानंद के दिव्य चरित्र व तेजस्वी जीवन दर्शन को अंगीकार कर सामाजिक समस्याओं पर नियंत्रण किया जा सकता है। समारोह के अध्यक्ष आलोचक व ललित निबंधकार डॉ़ कृष्ण बिहारी मिश्र ने कहा कि सेवा त्याग व समर्पण का क्षेत्र होता है। स्वयं को समर्पित कर समाज को सुखी बनाने के उद्देश्य से किया गया कार्य ही सेवा है। वरिष्ठ समाजसेवी सरदारमल कांकरिया ने कहा कि यह सम्मान उनका नहीं बल्कि उन सभी कार्यकर्ताओं का है, जिन्होंने उनके साथ मिल कर शिक्षा, चिकित्सा व लोकसेवा से जुडे़ अन्य प्रकल्पों को कार्यान्वित किया है। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ समाजसेवी जुगल किशोर जैथलिया तथा समारोह का संचालन तारा दूगड ने किया।
राजनीतिक धोखाधड़ी है अनुच्छेद-370
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 का राजनीतिक दुरुपयोग हुआ और आज भी हो रहा है। कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक और अपने लाभ के लिए अनुच्छेद-370 को हथियार के रूप में लेकर उसका दुरुपयोग करते हैं और जनता को बरगलाने की अनेक प्रकार से कोशिशें करते रहते हैं। लेकिन आज राज्य की जनता यह समझने लगी है कि इसके फायदे की बात तो दूर इससे नुकसान अधिक हैं। गत 10 जनवरी को इलाहाबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख श्री अरुण कुमार ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का 151वां जन्मदिवस पूरा भारत ही नहीं अपितु विश्व मना रहा है। स्वामी जी के कथन और कार्य आज हम सभी को सिर्फ एक ही प्रेरणा दे रहे हैं कि उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक कि आपको आपका लक्ष्य न मिल जाए। आज देश को स्वामी जी के विचारों से प्रेरणा लेकर उनसे सीख लेने की आवश्यकता है। श्री कुमार ने जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद- 370 का जिक्र करते हुए कहा कि आज समय के अनुसार इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। इस अनुच्छेद के चलते राज्य की देश व अन्य राज्यों से दूरी बढ़ जाती है। इस अनुच्छेद कीआड़ में एक राजनीतिक धोखाधड़ी देश के साथ हो रही है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधान परिषद सदस्य डॉ़ यज्ञदत्त शर्मा, सह विभागसंघचालक श्री कमला कान्त, प्रान्त सम्पर्क प्रमुख श्री आलोक, क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख श्री सुरेश, विभाग प्रचारक श्री मनोज सहित विभिन्न कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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