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आईएसआई मुजफ्फरनगर में 'लव जिहाद' को बढ़ावा देगी
सबकी जानकारी में यह तथ्य है कि मुजफ्फरनगर में सितम्बर, 2013 के दंगे की पृष्ठभूमि में लव जिहाद था। 27 अगस्त को जिले के कवाल ग्राम में हुई दो हिन्दू नवयुवकों-सचिन तथा गौरव की हत्या और शाहनवाज कुरैशी, जो एक लव जिहादी बताया जाता है, की मृत्यु इसी का नतीजा थी। बाद में हिन्दू समाज की तमाम बिरादरियों ने नगला मदौड़ में एक महापंचायत ह्यबहू-बेटी बचाओह्ण नाम से इस गतिविधि के विरोध में आयोजित की थी। इसी महापंचायत में भाग लेने आते और वापस जाते लोगों पर सम्प्रदाय विशेष के लोगों ने संगठित हमले किये थे, जिसके कारण दंगा भड़का था।
इस बात से बेअसर कि ह्यलव जिहादह्ण हिंसा को बढ़ावा दे रहा है, पाकिस्तान की आईएसआई ने दंगा निपट जाने के बाद आगे फिर वैसी ही स्थितियां पुन: पैदा करने की तैयारी शुरू कर दी है। यह निष्कर्ष है मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद राशिद नामक लश्करे तोएबा के दो संदिग्ध आतंकियों से दिल्ली पुलिस के विशेष सेल द्वारा की गयी पूछताछ का। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दोनों ने बताया है कि जिहाद-ए- इश्क (लव जिहाद) को और ताकत देने के लिए नये मुस्लिम युवकों को इस काम के लिए तैयार किया जा रहा है। हिन्दू लड़कियों, खासतौर पर कालेज जाने वाली छात्राओं को ही निशाने पर लिया जाना है। जिहाद के इस अहिंसक, पर प्रभावशाली तरीके से हिन्दू समाज को भारी हानि उठानी पड़ती है, क्योंकि हिन्दू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर इस्लाम कबूल कराया जाता है, फिर उनसे निकाह कर अपनी संख्या वृद्धि की जाती है, और यदि लड़की मुस्लिम समाज के ढांचे में फिट नहीं होती, तो उसे चारित्रिक व भावनात्मक क्षति के साथ सामाजिक तौर पर अपमानजनक कृत्य कराए जाते हैं। कुछ सप्ताह पूर्व दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने लश्कर के आतंकियों से हुई पूछताछ के बाद अपने कुछ अधिकारियों को मुजफ्फरनगर, मेरठ व समीपवर्ती क्षेत्रों में अभिसूचना एकत्र करने भेजा था। ये अधिकारी यह देखकर सकते में आ गये कि जिहाद-ए-इश्क के मामले इस क्षेत्र में लगातार होते रहे हैं। जांचकर्ताओं ने पाया है कि आईएसआई इस गतिविधि के लिए अपनी ओर से खूब पैसा उपलब्ध करा रही है ताकि लव-जिहादी मुस्लिम युवक मोटरसाइकिल, मोबाइल, बढि़या कपड़े आदि खरीद सकें। साथ ही उन्हें अंग्रेजी बोलने, शेरो-शायरी करने और बढि़या संवार कर स्वयं को आकर्षित युवक के रूप में पेश करने का भी प्रशिक्षण होता है। ऐसा समझा जाता है कि शेरो-शायरी तथा अंग्रेजी बोलकर हिन्दू लड़कियों की शीघ्र प्रभावित किया जा सकता है।
आईएसआई ने अपने मिशन की कामयाबी के लिए स्थानीय मदरसों से भी सम्पर्क किया है। देवबंद, मुजफ्फरनगर, मेरठ तथा अन्य कई स्थानों-जिलों में मुस्लिम युवाओं को पाकिस्तानी एजेंसी लव जिहाद के लिए प्रशिक्षण में शामिल करने की कोशिश में हैं। सूत्र बताते हैं कि यद्यपि लव जिहाद कोई नयी गतिविधि नहीं है, पर इसके प्रभावी परिणाम देखकर इसके तेज प्रसार की ओर आईएसआई का ध्यान केन्द्रित है। उल्लेखनीय है कि लव जिहाद भारत की न्यायपालिका के संज्ञान में भी आ चुका है। जून, 2006 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति राकेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश सरकार एवं गुप्तचर ब्यूरो को यह पता लगाने का आदेश दिया था कि हिन्दू लड़कियां भारी संख्या में इस्लाम क्यों कबूल कर रही हैं। न्यायमूर्ति ने लिखा था कि न्यायालय के सामने ऐसे मामले बड़ी संख्या में लाये जा रहे हैं जिनमें दूर-दराज के इलाकों व जिलों से हिन्दू लड़कियां लायी जाती हैं, उन्हें इस्लाम कबूल करा कर निकाह किया जाता है। इसी प्रकार के आदेश कर्नाटक व केरल उच्च न्यायालयों ने 2009 में जारी किये थे। मेरठ से अजय मित्तल
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