श्रद्धाञ्जलि दिलीप सिंह जूदेव
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

श्रद्धाञ्जलि दिलीप सिंह जूदेव

by
Aug 24, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 24 Aug 2013 16:38:52

ह्यआइ एम द किंग ऑफ रियासत बट दिस परसन इज द किंग ऑफ डेमोक्रेसीह्ण यानी मैं तो एक रियासत का राजा हूं लेकिन ये महानुभाव (जूदेव) लोकतंत्र के राजा हैं।  इन्हें जनता चुनती है। राजस्थान के महाराजा ने अपने विदेशी मेहमानों से दिलीपसिंह जूदेव का परिचय कभी इसी अंदाज में करवाया था। रौबीले चेहरे की शान बन चुकी घनी मूंछों पर ताव देते शख्स के तौर पर, मेरी तरह हिन्दुस्थानियों को भी दो ही चेहरे नजर आते हैं। एक थे देश की आजादी के नायक चंद्रशेखर आजाद और दूसरे जशपुर नरेश दिलीप सिंह जूदेव, जो हमारे बीच अब नहीं रहे। 14 अगस्त 2013 को गुड़गांव (हरियाणा) के मेदांता अस्पताल में कई दिनों तक जिन्दगी और मौत से संघर्ष करने के बाद उन्होंने अंतिम सांसें लीं।
इस दु:ख भरे क्षण में ना चाहते हुए भी यह बात कहनी पड़ रही है कि बीते कुछ समय से जशपुर राजघराने पर अपशकुनों की छाया मंडरा रही है। हम भूले नहीं हैं कि चंद महीने पूर्व ही उन्होंने अपने बड़े बेटे शत्रुंजय प्रताप सिंह को अकाल मृत्यु के हाथों खोया था और चंद महीने बाद ही माँ जयादेवी का हाथ भी उनके सर से उठ गया था। ढलती उम्र और छोटी-मोटी बीमारियों से जूझ रहे जूदेव को बड़े बेटे की मौत ने हिला कर रख दिया था। दरअसल वे उनमें अपना राजनीतिक वारिस खोज रहे थे।  सब कुछ ठीक-ठाक रहता तो बिलासपुर का अगला सांसद जूदेव नहीं बल्कि उनके सुपुत्र शत्रुंजय बनते। खुद जूदेव के जनाधार का आलम देखिये कि उनके नाम पर ह्यजूदेव सेनाह्ण तक बनाई गई, लेकिन इसका इस्तेमाल उन्होंने अन्य राजनीतिज्ञों की तरह कभी भी पार्टी को ब्लैकमेल करने या किसी को सबक सिखाने के लिये नहीं किया।
भाजपा के लिये अपूरणीय क्षति और हिन्दुत्वनिष्ठ राजनीति का कभी ना भरा जाने वाला शून्य। देश की सियासत से लेकर छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी का जनाधार तैयार करने वालों में जिन नेताओं को खासा याद किया जायेगा, जूदेव उनमें से एक होंगे। शरीर पर फौजी वर्दी, हाथ में हिन्दुत्व का झंडा और मतान्तरणवादी ईसाई मिशनरियों के पुराने प्रतिद्वंद्वी, लेकिन हिन्दू हृदय सम्राट के तौर पर अपनी पहचान कायम रखने वाले दिलीपसिंह एक ऐसे नेता थे जिनके परिवार ने पहले जनसंघ और फिर भाजपा के लिये अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। यह कहते हुए सुकून होता है कि संघर्षशील जनसंघ से लेकर भाजपा के युग तक जूदेव की तीसरी पीढ़ी पार्टी की सेवा में निष्ठा के साथ लगी है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि 1970 के दशक में, जब देश में एक ही पार्टी, कांग्रेस का राज था-जूदेव के पिताजी ने मात्र एक रात के फैसले में जनसंघ की तरफ से संसद का चुनाव लड़ने का फैसला केवल स्वीकार किया बल्कि पूंजी लगाकर दूसरे प्रत्याशियों का हौसला भी बढ़ाया। जूदेव पर कितने ही राजनीतिक आरोप लगे हों लेकिन आईना दिखाता सच यह है कि उन्होंने कई गरीब-गुरबों को फर्श से उठाकर अर्श तक पहुंचाया और मंत्री, विधायक व सांसद की कुर्सी दिलवाई।
एशिया का सबसे प्राचीनतम चर्च जशपुर में है तो अंदाजा लगाइये कि यहां पर चर्च की जड़ें कितनी मजबूत होंगी, लेकिन जूदेव होश संभालते ही उनके लिए हमेशा अजेय चुनौती बने रहे। हिन्दू से ईसाई बने लाखों लोगों को पुन: हिन्दू धर्म में लाने के लिये उन्होंने लम्बी लड़ाइयां इतने प्रभावी ढंग से लड़ीं कि 1988 के आसपास जशपुर की एक नन को अदालत ने जिलाबदर कर दिया था।  वनवासियों के पैर धोकर उन्हें पुन: घर-वापसी कराते देखने पर यकीन नहीं होता था कि एक राजा के मन में हिन्दुत्व के प्रति कितनी श्रद्घा और विश्वास था।
जशपुर नरेश जूदेव ताउम्र राजा की तरह जिए, राजा की तरह दहाड़े और उनकी विदाई भी राजा की तरह हुई। राजनीतिक नुमाइंदे भूले ना होंगे कि अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत में उन्होंने पहला चुनाव अर्जुनसिंह के खिलाफ दमदारी से लड़ा था। यह कतई छुपा नहीं है कि जोगी और जूदेव परंपरागत राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बनकर एक-दूसरे को पछाड़ते रहे, लेकिन राजनीतिक कड़वाहट के लिये जूदेव के मन और जुबान पर कोई स्थान ना था। पिछले लोकसभा चुनाव में जब उन्होंने ड़ा रेणु जोगी को हराया तो भावनाओं के प्रगटीकरण में वे यह कहना नहीं भूले कि ह्ययदि मैं हार भी जाता तो रेणु जोगी जैसी महिला से हारने का संतोष होता।ह्ण
 जूदेवजी दिल से राजा थे। सड़क से लेकर संसद तक, आम से लेकर खास तक से खुद आगे बढ़कर हाथ मिलाने की उनकी अदा लोगों का दिल जीतती थी। दोस्ती निभाने या मेहमाननवाजी करने में उनका कोई मुकाबला नहीं था। सिद्घांतों और पार्टी की इज्जत के लिये जूदेव ह्यसिंहह्ण की तरह लड़े। सन् 2003 में जोगी सरकार के खिलाफ ताल ठोंकने की बारी आई तो उन्होंने अपनी पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलवाई।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार दस सालों से चल रही है। मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से कई बार कई मुद्दों पर मतभेद होते थे, मगर पार्टी की खातिर दिलीप सिंह जूदेव ने सार्वजनिक तौर पर कभी कुछ नहीं कहा।
दिलीप सिंह जूदेव तो चले गये, लेकिन युद्घवीर सिंह के लिये एक निर्मम सच्चाई यह है कि वे एक ऐसे कुरुक्षेत्र में खड़े हैं जहां परिवार से लेकर क्षेत्र की जनता के लिए, अपने राजनीतिक कैरियर और पिता के सपनों को पूरा करने के लिए हर मोर्चे पर लड़ना-जीतना होगा। युद्घवीर इस महासमर में विजयी होकर निकलेंगे, ऐसी अपेक्षा है।                           

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies