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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर एक स्थान है भोजपुर। यहां राजा भोज द्वारा बनवाया गया भोजेश्वर नामक एक विशाल मन्दिर है। इस मन्दिर की सबसे बडी विशेषता है कि यहां विश्व का सबसे बडा शिवलिंग स्थापित है।
यह मन्दिर 1010 से 1053 ईसवीं के बीच बना है। यानी इस दुनिया में इस्लाम के आने से चार सौ साल पहले ही राजा भोज ने यहां एक विशाल शिवलिंग की स्थापना कर दी थी। इस विशालकाय मन्दिर को पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़ों को सन्तुलित रखकर बनाया
गया है। पत्थर के टुकड़ों को जोड़ने के लिए चिनाई न के बराबर की गई है। यह मन्दिर भारतीय स्थापत्यकला का बेजोड़ नमूना है। इस मन्दिर की स्थापत्यकला ओंकारवाट के मन्दिरों की याद दिलाती है। बेतवा नदी के किनारे स्थित इस मन्दिर के निर्माण के पीछे एक कहानी है। कहा जाता है कि परमार वंश के राजा भोज एक बार असाध्य बीमारी से पीड़ित हुए। काफी समय बाद जब वे ठीक हुए तो
उन्होंने भगवान के प्रति आभार प्रकट करने के लिए इस मन्दिर को बनाने का संकल्प लिया।
मालवाप्रान्तमेंपरमारवंशकाशासन 11. वर्षोंतकरहाथा।इसवंशकेहरशासकनेइसमन्दिरकीदेखरेखकीथी।इसमन्दिरकेदर्शनकेलिएपूरेसालभक्तयहांआतेहैं।छुट्टीकेदिनतोयहांकरीब 5 हजारश्रद्धालुआतेहैं। श्रावणमहीनेमेंतोप्रतिदिनयहांहजारोंभक्तआतेहैंऔरभगवानशिवकीपूजा–अर्चनाकरकेअपनीमनोकामनाएंपूर्णकरतेहैं।भोजपुरपहुंचनेकेलिएआप
सबसेपहलेभोपालपहुंचे।भोपालदेशकेअनेकहिस्सोंसेरेलमार्गऔरवायुमार्गसेजुड़ाहुआहै। भोपालसेभोजपुरकेलिएअनेकसाधनहैं।
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