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आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में गत 10 फरवरी को रा.स्व.संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय घोष शिविर 'घोष तरंग' का सार्वजनिक सभा के साथ समापन हो गया। कार्यक्रम में हैदराबाद के हजारों गण्यमान्य नागरिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर 900 गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने घोष का मनमोहक प्रदर्शन किया। घोष प्रदर्शन की उपस्थित महानुभावों ने ह्दय से सराहना की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध संगीतज्ञ श्री श्रीवेनल्ला सीतारामा शास्त्री थे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेशराव उपाख्य भैयाजी जोशी उपस्थित थे। शिविर की स्वागत समिति के अध्यक्ष पद्मश्री आचार्य ईला वेंकटेश्वर राव ने प्रारम्भिक उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि प्राचीन काल से ही घोष भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। आज देश में थलसेना, नौसेना और पुलिस के बैंड हैं, लेकिन रा.स्व.संघ की तरह किसी अन्य सामाजिक संगठन में बैंड नहीं है। यह पूरे विश्व में संघ के लिये अद्भुत है। उन्होंने कहा कि थलसेना और पुलिस के बैंड दूसरे देशों के संगीत का वादन करते हैं, लेकिन संघ भारतीय संगीत के आधार पर तैयार धुनों का वादन करता है।
श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में समाज के संगठित, शिक्षित और जागरूक होने की आवश्यकता है। जब हम शक्ति की बात करते हैं तो यह सकारात्मक विचार प्रक्रिया है। हिन्दू विचार प्रक्रिया हमेशा विश्व के कल्याण की कामना करती हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने हमेशा विश्व के कल्याण की कामना की है। इस तरह से उन्होंने जीवन मूल्यों का विकास किया। उन्होंने कहा कि आज भारत ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण विश्व के हिन्दू समाज को संगठित और शक्तिशाली होने की आवश्यकता है।
श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि जब हम देश के समक्ष चुनौतियांे की ओर देखते हैं तो वह हिन्दू समाज के लिये समस्याएं दिखती हैं। हमारे मंदिर सुरक्षित नहीं हैं। सैकड़ों वर्ष पुराने श्रीराम मंदिर को इस्लामी आक्रमणकारियों द्वारा तोड़ दिया गया। हम श्रीराम जन्मभूमि पर वर्तमान में स्थित अस्थायी मंदिर की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं लेकिन उसके एक बार फिर पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। यह हमारे देश का गौरव है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास इस गौरव (राम मंदिर) की सुरक्षा का दायित्व है उनकी मानसिकता संकीर्ण है। आज हम हिन्दू उत्सवों- दिवाली, गणेशोत्सव, दुर्गा पूजा आदि को भय के साये में मना रहे हैं। हम कैसे अपने यह उत्सव मनाएं? यदि यह उत्सव हम भारत में नहीं मनाएंगें तो कहां मनाएंगे?
इस अवसर पर रा.स्व.संघ के अ.भा. सह शारीरिक प्रमुख श्री जगदीश प्रसाद, क्षेत्र प्रचारक श्री मंगेश भिड़े, प्रांत संघचालक श्री प्याता वेंकटेश्वर राव विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन ग्रेटर हैदराबाद के संभाग कार्यवाह श्री श्रीधर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।प्रतिनिधि
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