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प्राकृतिक चिकित्सा
० मरीज को पूर्ण विश्राम कराएं।
० बुखार चढ़ने पर 10-15 मिनट ठंडे पानी में कटि स्नान कराएं बुखार तुरंत उतर जाएगा।
० बुखार चढ़ने पर पेट, पेड़ू तथा सिर पर पानी की ठंडी पट्टी 3-3 मिनट में बदलकर 10-12 बार रखने पर बुखार उतर जाता है।
० मिट्टी की ठंडी पट्टी पेड़ू पर आधा-आधा घंटे के लिए दिन में 4 बार रखने पर बुखार उतर जाता है।
० नींबू पानी का एनीमा देकर रोज प्रात: पेट साफ करें। बच्चों को 200 मिली. बड़े बच्चों को 500 मिली. तथा बड़ों को एक लीटर पानी का एनीमा दें। इससे बड़ी आंत का शुद्धिकरण हो जाएगा बुखार में लाभ होगा।
० नीली बोतल का सूर्य तप्त पानी की 50-50 मिली. की चार खुराक दिन में 4 बार दें।
खानपान
० मरीज को दिन में पानी में ग्लूकोस डालकर पिलाएं।
० जवारे का रस तथा अनार रस 100-100 मिली. मिलाकर मरीज को दिन में 2बार पिलाएं। यह रक्तवर्धक होता है।
० खाने की जगह दिन में दो बार सुबह सायं पालक 100 ग्राम, गाजर 50 ग्राम, चुकंदर 20 ग्राम, टमाटर एक नग, हरी धनिया 5-7 ग्राम, अदरक 10 ग्राम, आंवला एक नग, सबको पीसकर गाढ़ा-गाढ़ा स्वरस पिलाएं इससे लाल रक्त कण बढ़ते हैं। यह मरीज को टॉनिक भोजन होगा। इसको देने पर भोजन की आवश्यकता पूर्ण हो जाती है।
० ढाई-तीन घंटे के अंतराल में अनार, सेब, मौसमी आदि का रस मरीज को पिलाते रहें।
० हरी शाक सब्जियों का (घिया, पालक, तोरी, टिंडा, टमाटर आदि) सूप दिन में दो बार जरूर दें।
घरेलू चिकित्सा
० गिलोय रस 20-20 मिली. दिन में चार बार सुबह 8 बजे, दोपहर 12 बजे, सायं 4 बजे और रात्रि 8 बजे।
० पपीते के हरे पत्तों का रस 20-20 मिली. दिन में चार बार सुबह साढ़े आठ बजे, दोपहर साढ़े बारह बजे, सायं साढ़े चार बजे और रात्रि साढ़े आठ बजे।
० गिलोय के 5-7 पत्ते अथवा गिलोय की 4 डंडी, 11 तुलसी के पत्ते, 5 काली मिर्च, 2 ग्राम दालचीनी की छाल, एक डली गुड़ सब कूटकर 3 कप पानी में उबालें, एक कप पानी रहने पर छानकर गर्म-गर्म काढ़ा चाय की तरह सुबह शाम दें। अन्य दवाओं के प्रयोग में आधा घंटे का अंतराल रखें। ये डेंगू से रक्षा करेगा।
० अड़सा(वासा), हार सिंहार, गिलोय तथा पपीते के पत्तों का समान मात्रा में लेकर पीसकर स्वरस 4-4 चम्मच दिन में तीन बार दें। अन्य दवाओं के मध्य आधा घंटे का अंतराल रखें। यह प्लेटलेट को बढ़ाएगा।
डेंगू के उपद्रव
० मरीज को बार-बार उल्टियां होने पर 5 लौंग कूटकर एक कप पानी में उबालें। आधा कप पानी रहने पर छानकर गर्म गर्म चाय की तरह पिलाएं उल्टियां रुक जाएंगी।
० दस्त लगने पर अनार का छिलका 10 ग्राम पानी में पीसकर पिला दें अथवा अदरक का रस 4 चम्मच मिलाकर दिन में 3-4 बार देने से दस्त रुक जाएंगे। दस्त में मल आता रहे तो घबराएं नहीं।
नोट-उपरोक्त सभी उपचार किसी प्राकृतिक चिकित्सक की देखरेख में करें तो डेंगू हार जाएगा मरीज चंगा हो जाएगा। ल्ल डॉ. भरत सिंह ह्यभारतह्ण
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