हिमालय के संरक्षण की बड़ी चुनौ
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नेपाली संस्कृति परिषद (अंतरराष्ट्रीय)
का प्रदेश सम्मेलन तथा सांस्कृतिक समारोह
–इन्द्रेश कुमार, सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ
नेपाली संस्कृति परिषद (अंतरराष्ट्रीय) के तत्वावधान में गत 30 दिसंबर को नई दिल्ली में प्रदेश सम्मेलन तथा सांस्कृतिक समारोह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में भारत-नेपाल संबंध, हिन्दू संस्कृति का संरक्षण आदि विषयों पर विद्वानों ने विचार व्यक्त किए। साथ ही विभिन्न प्रकार के नेपाली सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुंदर प्रस्तुति भी हुई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार थे, जबकि अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के विदेश विभाग के संयोजक श्री विजय जौली ने की। विशिष्टि अतिथि नेपाल के पूर्व सांसद श्री शंकर पांडे थे। इस अवसर पर पांचजन्य के संपादक श्री बल्देव भाई शर्मा, नेपाली संस्कृति परिषद के संयोजक श्री अशोक चौरसिया, रा.स्व.संघ के विश्व विभाग के सह संयोजक श्री रवि अय्यर भी मंचासीन थे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मंचस्थ अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। श्री इन्द्रेश कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे सामने हिमालय के संरक्षण की चुनौती है। भारत और नेपाल की भूमि पर चीन कब्जा जमाए बैठा है। सीमा पर चीन ने अपनी सेना तैनात कर रखी है। लगातार नई-नई सड़कों का निर्माण करा रहा है। इससे यही प्रतीत होता है कि हमारी सुरक्षा खतरे में है। यह खतरा दोनों देशों के लिए समान है। हमें इस पर विचार करना होगा। दिल्ली में हुई बलात्कार की घटना के संबंध में बोलते हुए श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सन् 2013 की शुरुआत में हम संकल्प लें कि इस वर्ष को महिलाओं के सम्मान की दृष्टि से देखेंगे। बेटी को जन्म लेने से पहले मरने नहीं देंगे (भ्रूणहत्या)और उसके जन्म लेने के बाद उसको लुटने नहीं देंगे।
श्री विजय जौली ने कहा कि नेपाल पीड़ित है तो भारत भी पीड़ित होगा। नेपाल में बम विस्फोट होगा तो उसकी ध्वनि भारत में भी होगी। दुनिया में भारत का कोई मित्र है तो वह नेपाल है। उन्होंने कहा कि वहां हिन्दुत्व को समाप्त करने के जो प्रयास हो रहे हैं, यह हमारे लिये चिंतन का विषय है।
श्री बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि भारत और नेपाल का सहोदर संबंध है। कहीं भी इसमें भिन्नता नहीं है। नेपाल के संस्कार एवं सामाजिक जीवन भारत से एकरूप है। परन्तु कुछ कारण ऐसे रहे हैं जिन्होंने इस वातावरण को बिगाड़ा है। नेपाल के हिन्दू चरित्र को भी बिगाड़ने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि इस सबका कारण संस्कारों का दुर्बल होना है। इसके लिए हमें संस्कारशील हिन्दुत्वनिष्ठ संगठित समाज शक्ति खड़ी करने की आवश्यकता है कि ताकि कोई इस पर प्रहार करने की सोच भी न सके।
हिन्दू स्वयंसेवक संघ, नेपाल के सह प्रांत प्रचारक श्री रेवित कुमार ने नेपाल में संघ द्वारा चलाई जा रहीं कुछ रचनात्मक गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नेपाल में एकल विद्यालय बहुत ही प्रभावी ढंग से संचालित हो रहे हैं। बच्चों में हिन्दू संस्कार विकसित करने की दृष्टि से यह बहुत सफल सिद्ध हो रहे हैं।
श्री रवि अय्यर ने दुनिया के अन्य देशों में नेपालवासियों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य देशों में यदि कोई महिला साड़ी पहने हुए दिख जाए तो अधिकतर वह महिला नेपाली ही होती है। कार्यक्रम में नेपाली बंधुओं ने विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इस अवसर पर दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई छात्रा की मौत पर 1 मिनट का मौन भी रखा गया। |ÉÊiÉÊxÉÊvÉ
दिल्ली सामूहिक बलात्कार की शिकार छात्रा को श्रद्धाञ्जलि
अनेक स्थानों पर शोक सभाएं
दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई छात्रा ने मौत से लड़ते-लड़ते आखिरकार गत 29 दिसंबर को दुनिया से विदा ले ही ली। घटना के बाद से ही आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। छात्रा की मौत के बाद राजधानी दिल्ली सहित अनेक स्थानों पर शोक सभाएं आयोजित की गईं।
विश्व हिन्दू परिषद ने बलात्कार की शिकार युवती की मृत्यु पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति व व्यवस्था परिवर्तन हेतु हवन-यज्ञ, सत्संग व कीर्तन का आयोजन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।
उत्तरी दिल्ली के शालीमार बाग में विहिप के महामंत्री श्री चम्पत राय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री व गृहमंत्री को वर्तमान घटना के अलावा निठारी काण्ड व तन्दूर काण्ड जैसी घटनाओं पर भी देश की जनता से तुरन्त माफी मांग कर ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने हेतु कार्य योजना की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने जहां पुलिस द्वारा अपनी नाकामी छिपा कर प्रदर्शकारियों के दमन की तीव्र निंदा की, वहीं देश की युवा शक्ति से भी अपील की कि वह जाने-अंजाने में किसी भी प्रकार से राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचें। उनका यह भी कहना था कि लचर कानून व धीमी तथा पंगु न्याय व्यवस्था के साथ राजनीतिक संरक्षण के चलते आज अपराधियों के मन से पुलिस व प्रशासन का डर समाप्त हो चुका है जो राष्ट्र के लिए एक चुनौती है। उद्बोधन से पूर्व विहिप की महिला शाखा मातृशक्ति और दुर्गावाहिनी ने घटना के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया।
दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित सनातन धर्म मन्दिर में हवन-यज्ञ के पश्चात संबोधित करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री प्रकाश शर्मा ने कहा कि देश में अनिवार्य नैतिक शिक्षा, पूर्ण नशाबन्दी व त्वरित न्याय व्यवस्था से ही बलात्कार जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है। जानकारी के अनुसार इस प्रकार के कार्यक्रम दिल्ली में दर्जन भर स्थानों पर सम्पन्न हुए। विहिप ने घटना पर शोक प्रस्ताव भी पारित किया है। राष्ट्र सेविका समिति द्वारा नागपुर से जारी प्रैस वक्तव्य में समिति की प्रमुख कार्यवाहिका सुश्री ए. सीता ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि हमें जागरूक रहने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा घटित न हों।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्रा की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए देशभर के छात्रों से वर्ष 2013 में महिला सुरक्षा की दृष्टि से अभियान चलाने का आह्वान किया है। प्रतिनिधि
धूमधाम से मनाई गीता जयंती
श्री गीता रामायण प्रचार समिति, रामबन, जम्मू-कश्मीर के तत्वावधान में गत दिनों रामबन में 13वां गीता जयंती महोत्सव धूमधाम से सम्पन्न हुआ। महोत्सव में रामबन के गण्यमान्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री घनश्याम सिंह थे। इस अवसर साम्बा के गृहस्थ संत श्री वीरेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का शॉल और स्मृति चिह्न देकर समिति के कार्यकर्ताओं ने सम्मान किया। श्री वीरेन्द्र शर्मा ने अपने उद्बोधन में गीता के गूढ़ रहस्यों को उपस्थित जनों को बहुत ही सुंदर ढंग से बताया। उद्बोधन के बीच-बीच में श्री शर्मा ने भजन भी सुनाए, जिन्हें सुनकर श्रोता झूम उठे। श्री घनश्याम सिंह ने भी इस अवसर पर गीता के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में गीता ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। अतिथियों के संबोधन के पश्चात प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाले महानुभावों को सम्मानित किया गया। प्रथम स्थान पर भवानी सिंह, द्वितीय पर श्री हंसराज शास्त्री तथा तृतीय स्थान पर रोहित रहे। इस अवसर पर गीता की प्रतियां भी वितरित की गईं।
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