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शिन्दे फिर गाने लगे, वही पुराना राग
मुस्लिम वोटों के लिए, भड़कानी है आग।
भड़कानी है आग, देश गड्ढे में जाए
लेकिन वोटों से सारे डिब्बे भर जाएं।
कह 'प्रशांत' जयपुर चिंतन से यह निकला
देशभक्त संगठनों पर फिर बोलो हल्ला।।
-प्रशांत
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शिन्दे फिर गाने लगे, वही पुराना राग
मुस्लिम वोटों के लिए, भड़कानी है आग।
भड़कानी है आग, देश गड्ढे में जाए
लेकिन वोटों से सारे डिब्बे भर जाएं।
कह 'प्रशांत' जयपुर चिंतन से यह निकला
देशभक्त संगठनों पर फिर बोलो हल्ला।।
-प्रशांत
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