अस्तित्व बचाने के लिये चुनाव लड़ रहे हैं कम्युनिस्ट
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अस्तित्व बचाने के लिये चुनाव लड़ रहे हैं कम्युनिस्ट

by
Feb 11, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

उत्तर प्रदेश

दिंनाक: 11 Feb 2012 15:46:26

उत्तर प्रदेश/ हरिमंगल

उत्तर प्रदेश में वाम दलों की भूमिका नदारद

उत्तर प्रदेश की राजनीति से वामपंथी दलों का बोरिया-बिस्तर बंध चुका है। चुनाव-दर-चुनाव न केवल उनके समर्थक मतदाताओं की संख्या घट रही है अपितु विधानसभा में उनका संख्या बल शून्य तक जा पहुंचा है, पर वामपंथी दल हैं कि सच्चाई से मुंह मोड़ते हुए लगातार हर चुनाव में ताल ठोंके जा रहे हैं। हालांकि उ.प्र. की राजनीति में वामपंथी दल कभी भी इस स्थिति में नहीं रहे कि वे सत्ता में आ सकें या फिर सत्ता का समीकरण बना-बिगाड़ सकें। लेकिन राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त ये दोनों वामपंथी दल-माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), उ.प्र. में हर चुनाव में बड़े दम-खम और दावे से अपने प्रत्याशी उतारते रहे हैं। वामपंथी दलों की यह असलियत बहुत दिनों तक उ.प्र. के मतदाताओं से छिपी न रह सकी, परिणाम यह हुआ कि वामपंथी दलों की लोकप्रियता का आंकड़ा हर चुनाव में एक साथ कई-कई पायदान नीचे गिरता चला गया। आज की बात करें तो उ.प्र. से लोकसभा या प्रदेश की विधानसभा में वामपंथी दलों की हिस्सेदारी शून्य है।

विधानसभा चुनावों की बात करें तो पिछले तीन चुनावों से दोनों वाम दलों की स्थिति लगातार दयनीय हुई है। 1996 के विधानसभा चुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 15 और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे, उनमें से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक तथा माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के चार प्रत्याशी निर्वाचित हुए, लेकिन इसी के साथ भाकपा के 7 तथा माकपा के एक प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गयी। 2002 के विधानसभा चुनावों में भाकपा ने मात्र 5 प्रत्याशी ही मैदान में उतारे। इनमें से किसी को भी सफलता नहीं मिली। पार्टी को इस चुनाव में कुल मिलाकर 69,548 मत प्राप्त हुए। माकपा की स्थिति थोड़ी अच्छी रही, उसने कुल 6 प्रत्याशी उतारे थे। इनमें से उसे दो सीटों- नजीबाबाद और मेजा में सफलता मिली। हालांकि उसे भी सभी सीटों पर कुल मिलाकर 1,63,462 मत ही प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में भाकपा के 4 तथा माकपा के 3 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गयी।

2007 का विधानसभा चुनाव दोनों वाम दलों के लिए बहुत निराशाजनक रहा। प्रदेश के मतदाताओं ने दोनों दलों की सच्चाई जानते हुए उनकी हैसियत का आभास करा दिया। भाकपा ने इस चुनाव में कुल 21 प्रत्याशी मैदान में उतारे और सभी प्रत्याशी न केवल चुनाव हारे अपितु सभी को अपनी जमानत गंवानी पड़ी। इस चुनाव में प्रदेश भर से भाकपा को कुल मिलाकर 48,226 मत ही प्राप्त हुए। माकपा ने भी 14 प्रत्याशी खड़े किये और वे सभी प्रत्याशी चुनाव हार गये, उनमें से 11 को अपनी जमानत भी गंवानी पड़ी। प्रदेश भर में इस पार्टी को कुल मिलाकर 1,59,028 मत प्राप्त हुए।

चुनाव दर चुनाव घटते समर्थकों से दोनों ही पार्टियों के रणनीतिकार परेशान हैं। दोनों वामपंथी दल तमाम प्रयासों के बाद भी पिछले पांच वर्ष में एक भी ऐसा आन्दोलन नहीं खड़ा कर सके जिसके कारण वह चर्चा में आते। जिन पिछड़ों के मसीहा बनने का दावा यह दल करते रहे हैं, वह वर्ग कब का इनसे दूर जा चुका है। छात्र राजनीति में भी इनका वर्चस्व समाप्त हो चुका है। ऐसी स्थिति में प्रदेश की राजनीति में इन्हें अपना अस्तित्व बचाने का संकट आ खड़ा हुआ है। यही कारण है कि वर्तमान विधानसभा चुनावों में दोनों दलों ने ऐसे सभी स्थानों पर अपने प्रत्याशी खड़े करने का प्रयास किया है जहां उन्हें पहले कभी थोड़ा-बहुत समर्थन मिला करता था। भाकपा ने इस बार 52 प्रत्याशियों का नाम घोषित किया है तो माकपा ने 18 का। इसी के साथ वामपंथी दलों ने अन्य दलों से सहयोग लेने की भी रणनीति बनायी है। परन्तु इन दोनों दलों में भले ही सामंजस्य बैठ जाए, लेकिन इन्हीं दलों से निकले वामपंथियों द्वारा बनायी गयी अन्य पार्टियां भी इनसे समझौता नहीं कर रही हैं और वह अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार रही हैं। इन सबका परिणाम तो चुनाव बाद ही पता चलेगा, लेकिन राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि राष्ट्रीय दल के रूप में चुनाव लड़ने वाले भाकपा और माकपा का इस बार भी वही हश्र होगा जो 2007 के विधानसभा चुनावों में हुआ था। द

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies