आर्थिक प्रगति की गलत राह
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आर्थिक प्रगति की गलत राह

by
Oct 6, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आर्थिक प्रगति की गलत राह

दिंनाक: 06 Oct 2012 15:31:41

तुम जिसका जल–अन्न ग्रहण कर बड़े हुए लेकर जिसकारज तन रहते कैसे तज दोगे? उसको हे वीरों के वंशज।

–रामनरेश त्रिपाठी (स्वप्न, 5/12)

डा. मनमोहन सिंह की सरकार आर्थिक सुधारों के नाम पर ताबड़तोड़ फैसले कर रही है। खुदरा बाजार में विदेशी पूंजी निवेश को मंत्रिमंडल की मंजूरी के महज 20 दिन बाद अब पेंशन व बीमा क्षेत्र में भी एफडीआई को मंजूरी पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। हालांकि संसद में अभी इन सुधारों को विधेयक के रूप में मंजूरी मिलनी बाकी है और सरकार को शीतकालीन सत्र में इन्हें पारित कराने में कितनी सफलता मिलती है यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन यह तय है कि सरकार की राह आसान नहीं होगी। क्योंकि संप्रग के सहयोगी ही उस पर यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार आर्थिक सुधारों के नाम पर देश को अमरीका के हाथों बेच रही है। खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर तो संप्रग की प्रमुख व सबसे बड़ी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस विरोध जताते हुए गठबंधन व सरकार से अलग हो गई और तृणमूल प्रमुख लगातार सरकार के खिलाफ आग उगल रही हैं। दरअसल, आर्थिक मोर्चे पर यह सरकार जल्दबाजी में जो फैसले कर रही है उसमें समर्थन या विरोध से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि क्या यह सब भारत या भारतजन के हित में है?

आर्थिक उदारीकरण के नाम पर जिस तरह भारत के अर्थतंत्र पर अमरीका या अमरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दबदबा बढ़ रहा है वह भारत के आर्थिक स्वावलंबन को चोट पहुंचाने वाला है। फिर ऐसे आर्थिक सुधारों का क्या लाभ? यह सरकार किस तरह अमरीका या उसके प्रभाव में चलने वाले वित्त संस्थानों के दबाव में है, इसका एक उदाहरण तो भारत की 'जलनीति-2012 का प्रारूप' है जिसके अंतर्गत विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के दबाव में जल जैसे प्राकृतिक संसाधन का निजीकरण करने की तैयारी है। इससे आम आदमी के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता कितनी कठिन हो जाएगी, इसे सहज ही समझा जा सकता है। दूसरी ओर इस कारोबार में लगने वाली कंपनियां कितना मुनाफा बटोरेंगी, यह अनुमान लगाना भी कठिन नहीं है। खुदरा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश जहां भारत के 30 करोड़ से ज्यादा लोगों की  रोजी–रोटी पर सीधा–सीधा विपरीत प्रभाव डालकर उनके आर्थिक स्वावलंबन को तो खत्म करेगा ही, वालमार्ट जैसी अमरीकी कंपनियों के भंडार भी भरेगा, जो प्रकारांतर से आर्थिक संकट से जूझ रहे अमरीका के ही आर्थिक हितों का पोषण करने वाला है। तो यह घर फूंक तमाशा देखने की ही नीति है, जिस पर चलकर संप्रग सरकार आर्थिक सुधारों का राग अलाप रही है।

इस सच्चाई से भी मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि आर्थिक सुधारों की दौड़ में गांव, खेती, किसान लगातार पिछड़ रहे हैं और लाखों किसानों की आत्महत्याएं तो इस बहुप्रचारित आथिर्क विकास पर कलंक हैं। यह भी हो सकता है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी यह सरकार अपनी छत्रछाया में हो रहे महाघोटालों से जनता का ध्यान हटाने के लिए आर्थिक सुधारों को तेजी दे रही हो। वस्तुत: यदि सरकार वर्तमान अर्थतंत्र का ही सही नियोजन कर ले और विकास योजनाओं का पैसा अपने संरक्षण में पल रहे भ्रष्टाचारियों की जेबों में जाने से रोक ले तो भारत की आर्थिक तरक्की की तस्वीर ही दूसरी होगी। साथ ही वह आर्थिक क्षेत्र में स्वदेशी तंत्र को परिपुष्ट करे और देश भर में बिखरे व दम तोड़ रहे लघु और कुटीर उद्योगों में जान फूंके। स्वदेशी की उपेक्षा करके विदेशी के भरोसे आर्थिक उन्नति का रास्ता अख्तियार करना देश के लिए घातक ही होगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाके (फाइल चित्र)

पाकिस्तान में भड़का विद्रोह, पाकिस्तानी सेना पर कई हमले, बलूचिस्तान ने मांगी आजादी, कहा – भारत में हो बलूच दूतावास

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies