गई गद्दी गद्दाफी की?
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

गई गद्दी गद्दाफी की?

by
Sep 27, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दृष्टिपात

दिंनाक: 27 Sep 2011 13:10:39

लीबिया में छह महीने से वहां के सैन्य शासक मुअम्मर मोहम्मद अल गद्दाफी के खिलाफ जारी हिंसक विद्रोह का नतीजा 23 अगस्त की शाम राजधानी त्रिपोली में गद्दाफी के मुख्यालय पर विद्रोहियों के कब्जे के रूप में सामने आया। एक के बाद एक शहर में गद्दाफी के सैनिकों को भीषण टक्कर देते हुए विद्रोहियों ने त्रिपोली की प्रमुख शासकीय इमारतों पर धावा बोल दिया। इतना ही नहीं, मुख्यालय छोड़कर किसी अनजान स्थान पर जा छुपे गद्दाफी के रिश्तेदारों और समर्थकों को ढूंढ-ढूंढकर गिरफ्त में लेने की मुहिम भी छिड़ गई। त्रिपोली के बड़े-बड़े होटालों में विद्रोहियों ने कमरों की छानबीन की। होटल कोरिनथिया में गद्दाफी के बेटे सादी के छुपे होने की खबर लगते ही बंदूकधारी विद्रोही पहुंच गए, ताबड़तोड़ गोलियां दागीं और एक-एक कमरा तलाशने लगे। गद्दाफी के मुख्यालय अल अजीजिया में तोड़फोड़ करने के साथ ही विद्रोहियों ने उनके सैन्य कमांडरों और कार्यालय निदेशक बशीर सालेह को उसके परिवार के साथ खोज निकाला। गद्दाफी जहां भी छुपे हैं वहां से उन्होंने अखबारों को खबर दी कि उनका पीछे हटना हार नहीं बल्कि रणनीतिक पैंतरा है। जबकि इधर विद्रोहियों ने गद्दाफी को जिंदा या मुर्दा पकड़वाने वाले को 13 लाख डालर इनाम देने की पेशकश की है। उल्लेखनीय है कि गद्दाफी 1969 में सैन्य कमांडर के रूप में तत्कालीन सरकार का तख्ता पलटकर शासक बन बैठे थे। बीते 40-42 सालों में उन्होंने दुनियाभर में अपनी अरबों-खरबों डालर की जायदाद जमा कर ली है।

 

चीन में हिना का पाकिस्तानी राग

व्काशगर हमले में हम बेदाग

23-24 अगस्त को पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार चीन में थीं तो उनका पिछले दिनों चीन के सुदूर पश्चिम में सिंक्यांग प्रांत में हुए आतंकी हमले की तपिश से पाकिस्तान को दूर दिखाने की भरसक कोशिश करना जाहिर सी बात थी। सिंक्यांग प्रांत के काशगर शहर में उस आतंकी हमले में 21 लोग मारे गए थे। प्रांतीय सरकार ने बयान दिया था कि वह आतंकी हमला पाकिस्तान में मौजूद अलगाववादी ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मूवमेंट के प्रशिक्षण शिविरों में तैयार आतंकियों ने किया था। बीजिंग में रब्बानी इसी बयान पर बिफरते हुए बोलीं कि उस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी गुटों का कोई हाथ नहीं था। खार ने कहा कि वह प्रांतीय सरकार का बयान था, चीन सरकार का नहीं। चीन के मामलों के प्रति रब्बानी में अनुभव की कमी पर शायद टिप्पणी करते हुए चीनी अधिकारियों और विश्लेषकों ने कहा कि यह संभव नहीं है कि प्रांतीय सरकार ने उस बयान में पाकिस्तान का जिक्र बीजिंग की रजामंदी के बिना किया होगा।

 

इस मौके पर पाकिस्तान-चीन दोस्ती के कसीदे पढ़ने में खार ने कोर-कसर नहीं छोड़ी। आर्थिक, ढांचागत और अन्य क्षेत्रों में चीन की सहायता और दोस्ती की रस्में निभाने के लिए उन्होंने बीजिंग की दाद दी। लेकिन मुद्दा तो वहीं सिंक्यांग में अटका था। पाकिस्तान की पसंदीदा टरकाऊ भाषा में खार ने कहा कि उन्हें (पाकिस्तान को) नहीं पता कि ईस्ट तुर्कस्तान इस्लामिक मूवमेंट का पाकिस्तान में कोई आधार है या नहीं। और अगर ऐसी कोई बात है, यानी जहां तक इस गुट का संबंध है तो वे और ज्यादा सहयोग करने को तैयार हैं। खार की इस प्रेस वार्ता से न जाने क्यों बीजिंग स्थित भारतीय अखबारनवीसों को दूर ही रखा गया। कहा गया कि यह व्केवल चीनी मीडियाव् के लिए था, हालांकि बाद में अमरीकी, यू.के. और यूरोपीय मीडिया को बुला लिया गया था।

 

तालिबानी हत्यारे पर फूटा गुस्सा

अफगानिस्तान के हेलमंड प्रांत के नावा जिले में रोज-रोज की जिहादी हिंसा से उकताए गांववालों ने एक तालिबानी और उसके साथी की पत्थर मार-मारकर जान ले ली। तालिबानी जिस तरह की हिंसा मासूम लोगों पर बरपाते हैं, अब लोगों ने उसी तरह का सलूक उनके साथ करके अपने गुस्से की हद जता दी है। ऐसा कहना है अफगानी अधिकारियों का।

 

21 अगस्त की शाम दो हथियारबंद तालिबानी गांव तरेख जबेर की मस्जिद में आए, जहां अन्य गांव वालों के साथ 60 साल का यार मोहम्मद अपने दो बेटों के साथ रोजा खोलने का इंतजार कर रहा था। तालिबानियों ने मोहम्मद को अपने पास बुलाया और गोलियां दाग दीं। वह वहीं ढेर हो गया। उसके बेटों ने लपककर तालिबानियों को उनकी मोटरसाइकिल से नीचे खींच लिया। इतने में बाकी गांव वाले भी आ गए और पत्थर मार-मारकर दोनों को ठिकाने लगा दिया। बताया जा रहा है कि व्नाटोव् कार्रवाई से पस्त तालिबानों को लेकर अब लोगों में उतना खौफ नहीं रहा है। हेलमंड प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता दाऊद की मानें तो लोग तालिबानी बर्बरता अब और नहीं सहेंगे। उन्हें सताया जाएगा तो वे उनके खिलाफ डटकर खड़े हो जाएंगे। तालिबानी मृतक यार मोहम्मद को सरकार का मददगार मानते थे।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Bhagwan Narsingh Jayanti

भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु बने नृसिंह

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Bhagwan Narsingh Jayanti

भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु बने नृसिंह

बौद्ध दर्शन

बौद्ध दर्शन: उत्पत्ति, सिद्धांत, विस्तार और विभाजन की कहानी

Free baloch movement

बलूचों ने भारत के प्रति दिखाई एकजुटता, कहा- आपके साथ 60 मिलियन बलूच लोगों का समर्थन

समाधान की राह दिखाती तथागत की विचार संजीवनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना पर टिप्पणी करना पड़ा भारी: चेन्नई की प्रोफेसर एस. लोरा सस्पेंड

British MP Adnan Hussain Blashphemy

यूके में मुस्लिम सांसद अदनान हुसैन को लेकर मचा है बवाल: बेअदबी के एकतरफा इस्तेमाल पर घिरे

पाकिस्तान के साथ युद्धविराम: भारत के लिए सैन्य और नैतिक जीत

Indian DRDO developing Brahmos NG

भारत का ब्रम्हास्त्र ‘Brahmos NG’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल अब नए अवतार में, पांच गुणा अधिक मारक क्षमता

Peaceful Enviornment after ceasfire between India Pakistan

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद आज क्या हैं हालात, जानें ?

Virender Sehwag Pakistan ceasfire violation

‘कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी ही रहती है’, पाकिस्तान पर क्यों भड़के वीरेंद्र सहवाग?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies