पाञ्चजन्य व आर्गेनाइजर की वेबसाइटों के नए स्वरूप का शुभारंभ
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“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक राष्ट्रभक्त संगठन के रूप में अपने आलोचकों के मन में भी एक प्रभाव छोड़ता है कि संगठन कैसा हो, तो संघ जैसा। आज सेवा के क्षेत्र में भी समाज में व्याप्त हर समस्या के समाधान के लिए कोई न कोई सेवा कार्य संघ की प्रेरणा से चल रहा है, इसका एक प्रभावी स्वरूप खड़ा हुआ है। इसकी सर्वत्र प्रशंसा होती है। लेकिन हमारे बारे में वास्तविकता से इतर गलत प्रचार किया जाता है। इसके बावजदू संघ बढ़ रहा है, उसके समर्थक बढ़ रहे हैं। फिर भी यह आवश्यक है कि जो हम हैं, वह समाज में सही रूप में व्याख्यायित हो यानी “रियलिटी और इमेज” में कोई अंतर न रहे। इस अंतर को कम करने में प्रचार माध्यमों की विधाओं का बड़ा महत्व है। विशेषकर वैश्विक स्तर पर अपना विचार पहुंचाने के लिए “वेब मीडिया” की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दृष्टि से पाञ्चजन्य व आर्गेनाइजर की वेबसाइटों को नए स्वरूप के साथ प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है क्योंकि आज तकनीक तेजी से बढ़ रही है, विशेषकर युवा वर्ग में उसका काफी प्रभाव है। इसलिए यह प्रयास ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाने के लिए काफी उपयोगी हो सकता है।”
उक्त विचार रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी ने गत 29 सितम्बर को नई दिल्ली स्थित दीनदयाल शोध संस्थान के सभागार में पाञ्चजन्य व आर्गेनाइजर की वेबसाइटों के नए स्वरूप के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इसके पूर्व केशव कुंज स्थित संघ अभिलेखागार के प्रमुख श्री मिलिंद ओक ने वेबसाइटों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री ओक के निर्देशन में ही वेबसाइटों को नए रूप में अद्यतन तकनीकी सुधारों के साथ सज्जित किया गया है।
इस अवसर पर श्री सुरेश सोनी के साथ भारत प्रकाशन के प्रबंध निदेशक श्री विजय कुमार व रा.स्व.संघ, दिल्ली के प्रांत सह संघचालक डा. श्यामसुंदर अग्रवाल भी मंचासीन थे। समारोह के अंत में भारत प्रकाशन के महाप्रबंधक श्री जितेन्द्र मेहता ने सबका आभार व्यक्त किया, जबकि संचालन किया श्री आलोक गोस्वामी ने। समारोह में भारत प्रकाशन के निदेशक मंडल सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य व प्रबुद्धजन उपस्थित थे। द प्रतिनिधि
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