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23 फरवरी को पाकिस्तान से यह भी समाचार आया कि तीन दिन पूर्व अपह्मत हिन्दू युवक रॉबिन सिंह की रिहाई के लिए तालिबान ने 1 करोड़ रु. की फिरौती मांगी है। पाकिस्तान की कूटनीति पर गहरी पकड़ रखने वालों का मानना है कि ये घटनाएं वहां की सरकार के इशारे पर हो रही हैं, ताकि सिख और हिन्दू डर के मारे पाकिस्तान से पलायन करें। इसलिए पाकिस्तान से किसी तरह भारत आए हिन्दू और सिख वापस पाकिस्तान जाना नहीं चाहते हैं। किन्तु सरकार उन्हें जबर्दस्ती पाकिस्तान भेजती है। 22 फरवरी को वाघा सीमा से पाकिस्तान लौटने वाले कुछ हिन्दू एवं सिखों ने कहा कि यदि भारत सरकार तिब्बतियों को शरण दे सकती है, तो पाकिस्तानी हिन्दू और सिखों को क्यों नहीं? एक पाकिस्तानी हिन्दू ने तो यहां तक कहा कि हिन्दूबहुल भारत में लगभग दो लाख पाकिस्तानी मुस्लिम और करोड़ों बंगलादेशी घुसपैठिए रह सकते हैं, किन्तु पाकिस्तानी हिन्दू नहीं।4
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