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नांदेड़ में पूर्वांचल विद्यार्थी शिविरपूर्वांचल की छटा ने मोहा सबका मनद डा. रवीन्द्र शंकर जोशीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जनकल्याण समिति, पुणे (महाराष्ट्र) द्वारा संचालित छात्रावासों में रहने वाले पूर्वांचल के विद्यार्थियों के लिए गत दिनों नांदेड़ में तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में युवक गट के सर्वाधिकारी संभाजी नगर के श्री हरीश कुलकर्णी थे, जबकि युवतियों के गट की सर्वाधिकारी सुश्री सीमाताई कुलकर्णी थीं। समिति द्वारा इस प्रकार के शिविर पिछले बारह साल से लगाए जा रहे हैं तथा समिति द्वारा शुरू किए गए छात्रावासों का शुभारंभ पूर्वांचल के विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए हुआ था। इन छात्रावासों में अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा तथा सिक्किम के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। समिति ने पूर्वांचल के विद्यार्थियों के लिए पहला छात्रावास सन् 1995 में शुरू किया। इससे पहले राष्ट्र सेविका समिति ने सन् 1984 में नागपुर (महाराष्ट्र) स्थित देवी अहिल्या मंदिर में पूर्वांचल की छात्राओं के लिए कन्या छात्रावास की शुरुआत की।नांदेड़ की सुप्रसिद्ध संस्था स्वामी रामानंदतीर्थ के महाविद्यालयीन छात्रावास में सम्पन्न हुए शिविर में समिति द्वारा संचालित 13 छात्रावासों के 117 छात्र तथा 65 छात्राएं सम्मिलित हुईं। इनके साथ छात्रावासों के व्यवस्थापक बंधुओं ने भी भाग लिया। शिविर का उद्घाटन नांदेड़ के गुरुद्वारा लंगर साहब के प्रमुख ग्रंथी द्वारा किया गया। ग्रंथीजी ने नांदेड़ क्षेत्र को हरा-भरा करने के लिए पांच लाख वृक्ष लगाने का संकल्प लिया हुआ है। शिविर स्थल पर भी ग्रंथीजी द्वारा विभिन्न प्रकार के वृक्ष लगाए गए हैं। शिविर में पूर्वांचल के विद्यार्थियों ने साथ मिलकर रहने, अनुभवों का आदान-प्रदान करने, विविधता में एकता का भाव पुष्ट करने तथा व्यक्तिगत व सामूहिक गुणों की अभिव्यक्ति का आनंद प्राप्त किया।शिविर के दूसरे दिन विद्यार्थियों ने अपने पारम्परिक वेश में आकर्षक व मनोहर नृत्य प्रस्तुत करते हुए नांदेड़ शहर में एक भव्य शोभायात्रा के जरिए रंगारंग पूर्वांचल का दृश्य प्रस्तुत किया। नांदेड़ के जिस भी क्षेत्र से यह शोभायात्रा निकली, वहां स्थानीय नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर इसका स्वागत किया। शोभायात्रा में “पूर्वांचल का नारा है, सारा भारत हमारा है, कश्मीर हो या गुवाहाटी, अपना देश अपनी माटी, वंदेमातरम्” आदि उद्घोषों के साथ जनजातीय भाषा के पारम्परिक नृत्यगीतों की झंकार सर्वत्र गुंजायमान थी। इस अदभुत शोभायात्रा की स्मृति नांदेड़वासियों के लिए कई दिन तक चर्चा का विषय बनी रही।विद्यार्थियों के लिए शिविर में भाषण प्रतियोगिता, राज्यानुसार लेखन प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रस्तुति आदि विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रतियोगिताओं के पश्चात् रा.स्व.संघ, नांदेड़ के संघचालक श्री अमर सिंह का प्रभावी उद्बोधन हुआ, जिसमें उन्होंने गुरु गोविंद सिंह, सिख पंथ व नांदेड़ शहर के बारे में विस्तार से जानकारी दी।शिविर का समापन नांदेड़ के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डा. शिवाजी राव शिंदे की उपस्थिति में हुआ।द8
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