सलीम पी रहे हैं हनुमान जी का चरणामृत
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सलीम पी रहे हैं हनुमान जी का चरणामृत

by
Dec 4, 2009, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 04 Dec 2009 00:00:00

धर्म को अफीम बताने वाले कम्युनिस्टों की असलियत चुनाव में सामने आ ही जाती है। वोटों के लिए अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम वोट बैंक के आगे नतमस्तक रहने वाले कम्युनिस्टों का एक नया ही रूप सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में खस्ता हालत को देखते हुए कम्युनिस्ट नेता देवी-देवताओं की शरण में जा रहे हैं। सबसे सनसनीखेज तो यह रहा कि माकपा के कट्टरपंथी मुस्लिम सांसद मोहम्मद सलीम तक हनुमान जी की शरण में चले गए। उत्तर कोलकाता संसदीय क्षेत्र से माकपा के सांसद मोहम्मद सलीम गत 22 मार्च को जब प्रचार के लिए बड़ाबाजार क्षेत्र में गए तो वहां के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में भी जाकर माथा टेका। मंदिर के पुजारी ने उन्हें प्रसाद स्वरूप महावीर हनुमान के चरणों की अमृत (चरणामृत) दी। मंदिर में उपस्थित भक्तों और अपने राजनीतिक समर्थकों के सामने ही मोहम्मद सलीम ने चरणामृत का पान किया। मोहम्मद सलीम के इस “चुनावी धर्म” की सब ओर चर्चा हो रही है।कोलकाता के नजदीक ही ठाकुरनगर में मनुया सम्प्रदाय का केन्द्र भी है। यहां मनुया महासंघ की प्रमुख बड़ी मां वीणापाणि देवी रहती हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले कई दलों के नेता यहां मां का आशीर्वाद लेने आए। ममता बनर्जी के अलावा फारवर्ड ब्लाक के प्रमुख नेता अशोक बोस भी इनमें शामिल थे। चुनाव की घोषणा होने के बाद गत 24 मार्च को राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री सुभाष चक्रवर्ती भी मां के चरण छूकर आशीर्वाद लेने आए और मनुया मेले की व्यवस्था सरकारी स्तर पर कराने की अनुमति मांगी। पर बड़ी मां ने इस “चुनावी चाल” को समझकर मेले की व्यवस्था स्वयं करने की बात कही और चक्रवर्ती खाली हाथ लौट गए। द24

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