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रक्तदान, महादान और जीवनदान इस भाव के साथ तेरापंथ के दशम् अधिशास्ता, प्रेक्षाप्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञ के दीक्षा दिवस के उपलक्ष्य में 8 फरवरी को गोवंडी (मुम्बई) में रक्तदान शिविर आयोजित हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, चेंबुर भाग और तेरापंथ युवक परिषद, गोवंडी की ओर से इस शिविर का आयोजन हुआ। रक्तदान करने वाले 110 लोगों में 90 प्रतिशत युवा थे।”रक्त के अभाव में किसी के प्राण नहीं जाएं” के उद्देश्य पर स्थापित स्व. वामनराव ओक रक्तकोष, ठाणे की चिकित्सकीय टीम के संरक्षण में सभी रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। ज्ञातव्य है कि समाजसेवा के लिए समर्पित वामनराव रक्तकोष “लाभ नहीं, हानि नहीं” के सिद्धांत पर संचालित है। इस कारण यहां बहुत कम लागत पर जरूरतमंदों को रक्त मिलता है। इस रक्तकोष की स्थापना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जनकल्याण समिति की ओर से की गई है। शिविर में संघ प्रचारक श्री अजय पारीक ने रक्तदान के लिए आए युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुर्घटना, कैन्सर और अन्य विभिन्न बीमारियों के कारण से भारत में हर दो मिनट में किसी न किसी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता पड़ती है। आवश्यकता के अनुसार रक्त की पूर्ति का अभाव रहता है। इसलिए हमें रक्तदान करना चाहिए। शिविर के संयोजक श्री मनोहर कामत व श्री संजय लोढ़ा ने बताया कि प्रतिवर्ष फरवरी और जुलाई माह में गोवंडी में रक्तदान शिविर आयोजित होता है। प्रतिनिधि27
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