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-राजेश गोगनाक्योंकिपुरखों ने जो स्वप्न बोए थेउनका बीज-मंत्र था-रामसेतु।सदियों तकस्वप्नों नेफिर स्वप्नों को बोयाऔरउग आई आशाओं की फसल।लहराई जिस पर-ऋचाएंमुद्राएंऔरवह पवित्र पताका,विस्मित कर डाला जिसनेमानवीय सोच को।युगों-युगों तकपुरखों का जीवन-रससींचता रहाहमा
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