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पी.टी.उषा को “वीरांगना सम्मान”गत 18 जून को ग्वालियर (म.प्र.) में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर बलिदान मेले का आयोजन हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध धाविका पी.टी. उषा को “वीरांगना सम्मान” से सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर यह मेला वर्ष 2000 से लगातार आयोजित किया जा रहा है। सम्मान ग्रहण करने के बाद पी.टी. उषा ने कहा कि यह सम्मान मुझे जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता आंदोलन की 150वीं वर्षगांठ पर मध्य प्रदेश सरकार क्रांतिवीरों की स्मृति में वर्षभर कार्यक्रम आयोजित करेगी। इसी क्रम में शहीद चन्द्रशेखर आजाद की जन्मस्थली पर 1 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर का निर्माण भी कराया जा रहा है। बलिदान मेले में तात्या टोपे के नाती श्री बालचंद्र राव शंकर राव टोपे, शहीद अशफाक उल्ला खां के भतीजे श्री मोहम्मद जकी, आजाद हिन्द फौज के सिपाही कर्नल जी.एस. ढिल्लन की बेटी श्रीमती अमृता मल्होत्रा, शहीद बाबू सिंह की पत्नी श्रीमती रामबेटी, शहीद मनसुख की पत्नी श्रीमती पारो एवं शहीद मित्रपाल सिंह की पत्नी श्रीमती शरणदेवी को भी स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, राजस्व राज्यमंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, महापौर श्री विवेक शेजवलकर सहित अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित थे। अनिल शर्माबंगाल के ये धनपति विधायकपश्चिम बंगाल का एक दिलचस्प आंकड़ा प्रस्तुत है। प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों में से 45 विधायकों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जबकि 117 विधायकों के पास आयकर विभाग द्वारा जारी “पैन कार्ड” नहीं हैं। हालांकि इनके पास लाखों रुपये की संपत्ति है। चौंकाने वाले इन तथ्यों का खुलासा “पश्चिम बंगाल चुनाव प्रहरी” नामक एक गैर सरकारी संगठन के महामंत्री विप्लव हालिम ने किया। गत 17 जून को कोलकाता में एक पत्रकार वार्ता में हालिम ने कहा, “प. बंगाल के जिन 45 विधायकों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, डकैती तथा बलात्कार जैसे संगीन आरोप लगे हैं इनमें माकपा के 19, तृणमूल कांग्रेस के 9 तथा कांग्रेस के 6 विधायक शामिल हैं। दो मंत्रियों पर तो आपराधिक मुकदमे भी चल रहे हैं।”बताया गया कि 117 लखपति विधायकों के पास “पैन कार्ड” ही नहीं है। इनमें सर्वाधिक 73 विधायक माकपा के हैं जबकि तृणमूल कांग्रेस के 11 और कांग्रेस के 5 विधायक भी इस सूची में शामिल हैं। इन धनपति विधायकों में 7 के पास एक करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की संपत्ति है। इनमें दो राज्य सरकार में मंत्री पद पर आसीन हैं। “पं. बंगाल चुनाव प्रहरी” के एक अन्य पदाधिकारी देवव्रत बनर्जी ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत लोगों को अपने प्रतिनिधियों के बारे में जानने का पूरा अधिकार है। इस गैर सरकारी संगठन ने मांग की है कि सरकार त्वरित निपटारण अदालत गठित कर सभी मामलों को सुलझाए। वासुदेव पाल41
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