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-सुधा विजय
आधुनिक युग में सब चाहते हैं कि हम सुन्दर दिखाई दें, इसलिए वेशभूषा आदि में समय-समय पर बदलाव आता रहता है। मेरी दृष्टि में बदलाव लाना भी चाहिए। किसी की वेशभूषा व रूप सज्जा उसका पूरा व्यक्तित्व ही बदल देती है। यहां मैं एक उदाहरण देना चाहूंगी।
हमारे एक रिश्तेदार के यहां लड़के वाले लड़की देखने आये। लड़की रंग-रूप में सुन्दर थी, लेकिन उसका पहनावा बिल्कुल साधारण था, श्रृंगार भी नहीं किया था। जबकि लड़के वाले तथाकथित आधुनिक थे। इस कारण उन्हें वह लड़की पसन्द नहीं आई। उन्होंने दूसरी लड़की देखी, जो रंग रूप में साधारण थी, लेकिन उसका पहनावा आधुनिकता के अनुरूप था और सजी-धजी थी। इस वजह से लड़की को सभी ने खूब सराहा और पसंद कर लिया। यही बात लड़कों पर भी लागू होती है। यदि कोई लड़का सलीकेदार कपड़े पहनता है और साफ-सुथरा रहता है तो उसे सभी पसंद करते हैं। इसलिए फैशन करने में बिगड़ने वाली कोई बात नहीं है। हां, फैशन में शालीनता होनी चाहिए, अश्लीलता नहीं।
सुधा विजय
158 गढ़ी कैन्ट, देहरादून, उत्तरांचल
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