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अवसर मिले तो क्या नहीं कर सकते हम!!दादरा नगर हवेली के खानबेल में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा वनवासी युवकों की एक मैराथन दौड़ का आयोजन किया था। गत 19 नवम्बर को आयोजित इस मैराथन दौड़ में दादरा नगर हवेली के 14 गांवों से 25 धावक सम्मिलित हुए। इस दौड़ में जिसको अपना हस्ताक्षर करना भी नहीं आता, अर्थात् निरक्षर जमना रावजी खरपड़े राष्ट्रीय स्तर के रिकार्ड के नजदीक जा पहुंचा। सिंदोनी गांव के खरपड़े ने 21 किमी. की दूरी एक घण्टा, 19 मिनट और 20 सेकेण्ड में पूर्ण की। 21 किमी. की दौड़ में 14 से 17 आयु वर्ग की स्पद्र्धा में 13 और सभी आयु वर्गों के लिए 42 किमी. की पूर्ण मैराथन दौड़ में 12 प्रतिभागी थे। 21 किमी. दौड़ लगाकर युवकों में थकान तक नहीं दिख रही थी। उनकी आतंरिक शारीरिक क्षमता देखकर गण्यमान्यजनों एवं अतिथियों को बहुत आश्चर्य हुआ। सिंदोनी गांव के ही सोनजी खरपड़िया 42 किमी. की दौड़ में प्रथम आए।देशभर में राज्य स्तर पर आयोजित इस स्पर्धा में विजेता प्रथम दो धावकों को राष्ट्रीय स्तर दौड़ के लिए भेजा जाता है। उनकी शारीरिक क्षमता, प्रशिक्षण तथा अभ्यास देखकर उनका चयन होता है। इस वर्ष बिहार के पूर्णिया में अ.भा. वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा राष्ट्रीय स्तर की स्पद्र्धा का आयोजन इसी दिसम्बर माह में होने जा रहा है। सन् 2004 में आयोजित राष्ट्रीय मैराथन स्पर्धा में दादरा नगर हवेली का धावक देशभर में प्रथम आया था। राष्ट्रीय स्तर पर जिस प्रकार वनवासी बालक अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं उससे स्पष्ट है कि यदि इस क्षेत्र के युवकों को उचित प्रशिक्षण मिले तथा आवश्यक सुविधाएं दी जाएं तो ये विश्व स्तर पर देश का नाम स्थापित कर सकते हैं। प्रतिनिधि27
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