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वर्ष 59, अंक 13, भाद्रपद शुक्ल 1, 2062 वि. (युगाब्द 5107), 4 सितम्बर, 2005फिर न्यायपालिका से टकराव अदालत की अवमानना कांग्रेस और कम्युनिस्टों की परम्परा रही हैआपातकाल में न्यायालय पर लगामसांसद मर्यादा से हटें तो जनशक्ति एकजुट होफिर वही चलाएं सरकार भीगलत निर्णय के खिलाफ हक है बोलने कास्टीफन की भाषान्यायमूर्ति लाहोटी की पीड़ा पूरे देश की पीड़ा -देवेन्द्र स्वरूप15 अगस्त को मुस्लिम लीग ने किया तिरंगे का अपमानयह है “उदारवादी” इस्लाम का चेहराअमृतसर के गांव भिखीविंड में सबरजीत सिंह की बेटी अपने पिता की पुरानी पारिवारिक तस्वीरें दिखाती हुई सरबजीत को जेल की खुली हवा में आने के लिए मुसलमान बनने को मजबूर किया।25 अगस्त, 2005 के अंग्रेजी दैनिक द ट्रिब्यून के मुख पृष्ठ पर छपी खबर का शीर्षक है-“सरबजीत को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया।”गगन-राज पंथ के प्रमुख अयापिन अपने केन्द्र के सामने। अब सब खत्म। मलेशिया में इस्लाम छोड़कर एक नए पंथ को मानने वालों को जेल। शासन द्वारा उनकी संस्था नष्टपिता आतंकवाद की राह से लौटा तो दिखा जिहाद का चेहरा- आठ माह की बच्ची का गला काटा!! जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों की बर्बरता की खबरें आती रहती हैं लेकिन इस संबंध में ताजा खबर महोर क्षेत्र के महसल गांव से आई है जो न केवल दर्दनाक है बल्कि उससे यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो जाती है कि ये जिहादी हत्यारे कम से कम इंसान तो नहीं ही हैं। विस्तार… कोटा के मौलवी की काली करतूत मदरसे में मासूमों पर जुल्म -मुजफ्फर हुसैनवे दिन लद गए जब बच्चों को पाठशाला में शारीरिक दण्ड दिया जाता था। आज तो बच्चों को शारीरिक दण्ड देने वाले अध्यापक तथा उस विद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है। विस्तार…जिनके नाम पर भारतीय मजदूर संघ ने 28 अगस्त पर्यावरण दिवस घोषित किया वीरांगना अमृता देवी शीश दिया, पर वृक्ष नहीं रामप्रकाश मिश्रकवि जिस माटी के गुण गाते थकते नहीं थे, आज वही माटी थक चली है। सुजला नदियों का जल अब प्रदूषित हो गया है। सुफला व शस्य श्यामला धरती ट्रेक्टर की जुताई, कीटनाशक दवाइयों के कारण बंजर हो रही है। रही-सही कमी रसायनिक खाद ने पूरी कर दी है। विस्तार…इस्लाम में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के सूत्र खोजे मुस्लिम समाज -अशोक सिंहलविश्व हिन्दू परिष्द् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल गत 24 अगस्त को अलीगढ़ के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रस्तुत हुए। मामला था पाचजन्य में 16 वर्ष पूर्व छपे एक साक्षात्कार का। विस्तार…भाजपा (उत्तराचल) चिकित्सा प्रकोष्ठ का अभियान सब हों स्वस्थ गांव-गांव जाकर उपलब्ध कराएंगे चिकित्सा गत दिनों देहरादून के निकट नेहरू ग्राम में पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को सूत्र मानकर शुरू किए गए सेवा कार्यों का शुभारम्भ हुआ था। विस्तार…नन्हे छात्रों ने मनाया आजादी का जश्न प्रतिनिधिश्री सनातन धर्म सरस्वती बाल मन्दिर, पंजाबी बाग (नई दिल्ली) में स्वतंत्रता दिवस समारोह में रंग-बिरंगे परिधानों में सजे बच्चों ने आजादी के उल्लास में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विस्तार…कर दिया अर्पित स्वयं को मातृचरणों में मगन -कुप्.सी. सुदर्शनश्रद्धांजलि सभा में सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन के उद्बोधन का विस्तृत स्वरूप यहां प्रस्तुत है। विस्तार…बहुत प्रभावित किया उन्होंने – अटल बिहारी वाजपेयीअभी दो वर्ष पूरे नहीं हुए हैं, प्रोफेसर राजेन्द्र सिंह जी, जिन्हें आदर व आत्मीयता से हम लोग रज्जू भैया कहकर पुकारते थे, हमारे बीच में से उठ गये। शेषाद्रि जी ने जिस तरह से राष्ट्र कार्य को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, वह मुझे हमेशा याद रहेगा। विस्तार…स्व. शेषाद्रि की अस्थियां हरिद्वार व संगम में विसर्जित गत 24 अगस्त को हरिद्वार स्थित रामलीला भवन में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अश्रुपूर्ण नयनों के साथ हर की पैड़ी पर स्व. शेषाद्रि जी की अस्थियों को मां गंगा की गोद में प्रवाहित कर दिया। विस्तार…मुम्बई मधुर वाणी, मधुर व्यवहार था उनका -मदनदासकोंकण प्रांत की तरफ से 23अगस्त को मुम्बई में स्व. शेषाद्रि जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। रा.स्व.संघ के सहसरकार्यवाह श्री मदनदास ने इस अवसर पर कहा कि शेषाद्रि जी केवल अच्छी बातों की सराहना नहीं करते थे, कार्यकर्ताओं को गलती का अहसास भी बिना कोई क्लेश पहुंचाए करा देते थे। विस्तार…जयपुर एवं वाराणसी में भी सम्पन्न हुईं श्रद्धांजलि सभाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जयपुर द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में रा.स्व. संघ के अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख श्री इन्द्रेश कुमार ने शेषाद्रि जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपनी सांस-सांस देश के लिए अर्पित कर दी। विस्तार…प्रकृति भारती संस्थान द्वारा धरा और देव-भाव का संगम एकवर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू, अगले साल से डिग्री भी देंगे। -विजय कुमारवस्तुत: पश्चिम की प्रगति की सोच एकांगी है। इसके विपरीत भारत का दृष्टिकोण ईशावास्योपनिषद के इस मंत्र पर आधारित ह। “इस सृष्टि में जो कुछ भी है, सबका निर्माता ईश्वर ही है। विस्तार…”प्रकृति सम्मान-2005” से पुरुस्कृत ये तीन पुरुषार्थी प्रकृति भारती ने “प्रकृति राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान-2005” से इस वर्ष गो संवद्र्धन, जैविक कृषि विज्ञान तथा तकनीक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने वाले तीन लोगों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। विस्तार…अब गोबर गैस से भरेंगे सीएनजी सिलेण्डर जब हम समग्र रूप से चिन्तन करते हैं तो हमें स्पष्ट नजर आता है कि प्रकृति के साथ रहकर ही हम शान्ति एवं सच्चे सुख का अनुभव कर सकते हैं। अंधाधुंध विकास के चलते हमने पिछले 57 वर्षों में प्रकृति का भयानक शोषण किया है। विस्तार…न बिजली, न डीजल, फटाफट चलेगा यह पम्प सैट वह दिन दूर नहीं जब गोवंश के आधार पर देश के गांव-गांव में आर्थिक समृद्धि का नया सवेरा उदित होगा। आज गोवंश आधारित आर्थिक विकास की बात हमारे अर्थशास्त्रियों को भले ही काल्पनिक लगे, लेकिन विश्वास करिए कि अब जो होने जा रहा ह। विस्तार…पश्चिमी सरहद पर तस्करी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियां बढ़ीं सुरक्षा तंत्र सतर्क -बाड़मेर से आनंद गुप्ताभारत की पश्चिमी सरहद पर पिछले पांच-छह माह में घुसपैठ व तस्करी की चार बड़ी घटनाओं ने पुलिस समेत तमाम सुरक्षा एजेन्सियों को चौंका दिया है। इन घटनाओं से साफ जाहिर होता ह। विस्तार…उड़ीसा की चिट्ठी -पंचानन अग्रवाल उधर भुवनेश्वर में ही एकल विद्यालयों एवं वनवासी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के सेवा कार्यों से जुड़ीं महिला कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन 5 अगस्त को सम्पन्न हुआ। विस्तार…कम्युनिस्ट गुंडों ने फिर की केरल में स्वयंसेवक की हत्या? तिरुअनंतपुरम से प्रदीप कुमारकण्णुर के तल्लशैरी नगर में मुझप्पिलंगढ़ में 7 अगस्त को माकपाई गुंडों ने रा.स्व.संघ के कार्यकर्ता इलमबिलै सूरज की निर्ममतापूर्वक चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी। 34 वर्षीय सूरज आटोरिक्शा चलाते थे। विस्तार…पुंछ सीमा पर स्थित बूढ़ा अमरनाथ मन्दिर श्रद्धा और शौर्य का प्रतीक प्रतिनिधि गत दिनों बजरंग दल (दिल्ली) के कार्यकर्ता पाकिस्तान सीमा से सटे अत्यधिक संवेदनशील जिले राजौरी व पुंछ का दौरा करके लौटे हैं। विस्तार…विचार-गंगा अंत:करण आत्मविश्वासपूर्ण हो अहंकार से मनुष्य को आनंद प्राप्त होता है, परंतु इसको छोड़ने से हृदय को जो प्रसन्नता होती है उसका वर्णन करना भी शब्दातीत है। विस्तार…पाठकीय क्या बेवजह है शक? आवरण कथा के अन्तर्गत श्री तरुण विजय का लेख “दुनिया में शक के दायरे में मुस्लिम” पढ़ा। दरअसल मूल समस्या मानसिकता की है। यहां एक वर्ग में एक ऐसी चालाक मानसिकता काम करती है, जो संख्या की कमी की स्थिति में लोकतंत्र चाहती ह। विस्तार…सम्पादकीय न्यायालय का अपमान उनकी आदत है कांग्रेसियों और कम्युनिस्टों ने कभी भी न तो न्यायपालिका का सम्मान किया और न ही कानून का। कानून की धज्जियां उड़ाते हुए माक्र्सवादी जहां बंगाल में चुनावी प्रक्रिया पर अपना माफिया शिकंजा कसकर जीतने का खेल खेलते रहते ह। विस्तार…दिशादर्शन यह है “उदारवादी” इस्लाम का चेहरा तरुण विजय इस्लाम के बारे में जब कहा जाता है कि वह उदारवादी, भाईचारे वाला, मैत्रीपूर्ण और शांति का संदेश देने वाला मजहब है तो यह सुनने में भला किसे आपत्ति हो सकती है! विस्तार…अपनी बातआपने थुम्बा का नाम शायद सुना हो। अन्तरिक्ष में राकेट प्रक्षेपण का यह गौरवशाली भारतीय केन्द्र है, जहां वैज्ञानिकों का प्रतिदिन बारह से अठारह घंटे तक कार्य करना सामान्य बात है। वहीं एक विशेष प्रकल्प पर लगभग 70 वैज्ञानिक काम कर रहे थे। विस्तार…मंथन न्यायमूर्ति लाहोटी की पीड़ा पूरे देश की पीड़ा देवेन्द्र स्वरूप न्यायमूर्ति की पीड़ा कोटि-कोटि भारतवासियों के मन की मूक पीड़ा है। यह राष्ट्र ठगा सा देख रहा है कि पिछले 58 वर्षों में एक ऐसा राजनीतिक नेतृत्व देश में उभरा है जिसके जीवन की एकमात्र प्रेरणा व्यक्तिगत सत्ता प्राप्ति है। विस्तार…संस्कार मूलागाभरू बरगोहाईं पूर्वाचल की गजब योद्धा विपिन बिहारी पाराशर मूलागाभरू बरगोहाईं एक धार्मिक, पतिव्रता, साहसी और पराक्रमी महिला थी। उनके पति चाऊ फ्रांचेनमुंग बरगोहाईं अहोम राजा स्वर्गदेव चुहुंग के कुशल सेनापति एवं प्रशासक थे। विस्तार…स्त्री तेजस्विनी हम क्यों भूलते हैं ये हमारी ही बहू-बेटियां हैं “अन्तरजातीय प्रेम विवाह और हिन्दू समाज?” पहले पुरुष प्रधान समाज की सोच बदल मेरी सास, मेरी मां, मेरी बहू, मेरी बेटी चित्रकूट में ग्रामवासियों ने मिलकर कराया बसन्ती-रूद्र का विवाह मंगलम, शुभ मंगलम विस्तार…जय हनुमान-4इस सप्ताह आपका भविष्य ज्योतिष महामहोपाध्याय सौ. नीलिमा प्रधानगवाक्ष “साहित्य-भारती” का नागरी गजल विशेषांक एक विडम्बना! शिव ओम अम्बरउत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने समकालीन हिन्दी गजल के महत्व को रेखांकित करने के लिए अपनी त्रैमासिक पत्रिका “साहित्य भारती” का एक पूरा अंक युवा रचनाकार अशोक रावत के सम्पादन में “नागरी गजल विशेषांक” के रूप में प्रकाशित किया है। विस्तार…हिन्दूभूमि बौद्ध दर्शन का सार सुरेश सोनी अति कामोमपभोग तथा शरीर पीड़न की दो अतियों पर न जाते हुए उपर्युक्त मध्यम मार्ग आष्टांगिक मार्ग का अनुसरण मनुष्य को निर्वाण की ओर ले जाता है। विस्तार…ध्येय साधक शेषाद्रि जी की स्मृति में श्रद्धाजलि सच में विदेह थे प्रतिनिधि “सच में विदेह थे तुम, कहने को देहधारी।” स्व. शेषाद्रि जी की श्रद्धांजलि सभा में जब यह गीत गाया गया तो लोग बरबस ही उनकी पवित्र स्मृति में खो गए। विस्तार…गहरे पानी पैठ नागालैण्ड की राह पर अरुणाचल प्रदेश?कोहिमा की हाईस्कूल कालोनी से नागालैण्ड पुलिस ने गत दिनों यूनाइटेड सोशलिस्ट काउंसिल आफ अरुणाचल (यू.एस.सी.ए.) के अध्यक्ष गांग्ते तुगुंग तथा उसके नागा साथी एवं सेवानिवृत्त सीमा सुरक्षा बल के सिपाही शिखिए सुमी को पकड़ा। विस्तार…NEWSश्री गुरुजीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक प. पू. श्री गुरुजी ने समय-समय पर अनेक विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। वे विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने पहले थे। इन विचारों से हम अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं और सुपथ पर चलने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। इसी उद्देश्य से उनकी विचार-गंगा का यह अनुपम प्रवाह श्री गुरुजी जन्म शताब्दी के विशेष सन्दर्भ में नियमित स्तम्भ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। -संअंत:करण आत्मविश्वासपूर्ण होअहंकार से मनुष्य को आनंद प्राप्त होता है, परंतु इसको छोड़ने से हृदय को जो प्रसन्नता होती है उसका वर्णन करना भी शब्दातीत है। अभिमानरहित कर्र्तृत्व से मन को स्थायी आनंद प्राप्त होता है। अत: इस अहंकार को दूर करना ही श्रेयस्कर है, इसके लिए एकमात्र उपाय है निरंतर चिंतन। स्वभाव-परिवर्तन की कठिनता से घबराने की आवश्यकता नहीं। परम पूजनीय डाक्टर जी ने इसे सुसाध्य कर परम श्रेष्ठता को प्रकट किया है। हम उस महापुरुष के उदाहरण को सामने रखकर अपने हृदय की रचना करें कि अंत:करण आत्मविश्वासपूर्ण हो, परंतु अहंकार का लेशमात्र भी न हो।(1946 में मेरठ में संघ शिक्षा वर्ग में श्रीगुरुजी के उद्बोधन का अंश) (साभार श्रीगुरुजी समग्र, खंड-1, पृष्ठ.22)NEWS
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