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मुम्बईपत्रकारिता जनतंत्र का चौथा स्तंभ, परंतु जनता सर्वोच्च-राम माधव, प्रवक्ता, रा.स्व.संघ”जनतंत्र में पत्रकारिता को चौथा आधारस्तंभ माना गया है, पर वह आधारस्तंभ ही है। सर्वोच्च, सार्वभौम तो जनता है, लोग हैं। इसीलिए प्रसार माध्यमों को अधिक महत्व न देते हुए संघ ने सीधे समाज में काम किया। आज स्थिति यह है कि हर प्रकार के विरोध के बावजूद हिन्दुत्व का विचार देश की विचारधारा का मुख्य प्रवाह बन गया है”, यह कहना है रा.स्व.संघ के प्रवक्ता श्री राम माधव का। वे गत 25 मई को विश्व संवाद केन्द्र, मुम्बई द्वारा नारद जयंती पर आयोजित सामारोह को सम्बोधित कर रहे थे। रा.स्व.संघ का प्रसार माध्यमों के प्रति दृष्टिकोण बताते हुए उन्होंने कहा कि संघ ने जनता को सर्वोच्च माना है। समाज में अपने विचार फैलाकर संघ ने जीवन के हर क्षेत्र में हिन्दू जीवनदृष्टि लेकर काम करने वाले कार्यकर्ता तैयार किए। पत्रकारिता के क्षेत्र में भी हिन्दू विचार के आधार पर आज अनेक संस्थाएं व लोग काम कर रहे हैं। इस अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र, मुम्बई ने वरिष्ठ पत्रकार तथा हिन्दुस्थान समाचार सेवा के संस्थापक श्री वसंतराव देशपांडे, जाने माने स्तंभकार तथा इंडियन मर्चेंट चेंबर्स के वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक श्री वीरेन्द्र पारेख और युवा पत्रकार तथा सामाजिक कार्यकर्ता श्री संदीप आचार्य को सम्मानित भी किया।मल्हार कृष्ण गोखलेदेहरादूनअभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक-ए. सूर्यप्रकाश, वरिष्ठ पत्रकारसमारोह में (बाएं से) श्री ए. सूर्यप्रकाश एवं श्री नेमचन्द जैन”पत्रकार जगत को अपने माध्यम से समाज को दिशा देने का प्रयास करना चाहिए। इतिहास साक्षी है कि जब-जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा है स्थिति बद से बदतर हुई है। हमें समाज के सामने सच लाना ही होगा।” यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार एवं पायनियर मीडिया स्कूल, दिल्ली के निदेशक श्री ए. सूर्यप्रकाश का। वे विश्व संवाद केन्द्र, उत्तरांचल द्वारा आयोजित महर्षि नारद जयंती समारोह के मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता की साहित्यकार श्री नेमचंद जैन तथा मुख्य अतिथि थे प्रबंधक राजभाषा (ओ.एन.जी.सी.) श्री पूरनचंद। रिलेक्स सभागार में आयोजित संगोष्ठी का विषय था “लेखनी की स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह-जिम्मेदार कौन?” इस विषय पर चर्चा करते हुए श्री ए. सूर्यप्रकाश ने दृश्य-श्रव्य माध्यम से आपातकाल की घटनाओं का जीवंत चित्रण भी किया।श्री पूरन चंद ने कहा कि महर्षि नारद ने विषम परिस्थितियों में निर्भीक एवं लोकोपकारी पत्रकारिता का स्वरूप प्रदर्शित किया था। आज भी वे पत्रकारिता जगत के उत्प्रेरक बने हुए हैं। समाज में न्याय का प्रकाश फैलाना नारद जी का कार्य था। यही कार्य पत्रकार जगत को भी करना चाहिए। श्री नेमचंद जैन ने कहा, “यदि पत्रकार स्वतंत्र नहीं होंगे तो लोकतंत्र जीवित नहीं रह पायेगा।” उन्होंने पत्रकार जगत से सामाजिक बुराइयों पर कुठाराघात करने का भी आह्वान किया। कार्यक्रम में पत्रकार मनमोहन लखेड़ा, राघवेश पाण्डेय, डा. वसंती मठपाल सहित अनेक वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापित किया विश्व संवाद केन्द्र समिति के अध्यक्ष श्री दयाचंद जैन ने।राम प्रताप मिश्रNEWS
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