स्त्री
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

स्त्री

by
May 12, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 12 May 2004 00:00:00

हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भ

मेरी सास, मेरी मां, मेरी बहू, मेरी बेटी

जब भी सास- बहू की चर्चा होती है तो लगता है इन सम्बंधों में सिर्फ 36 का आंकड़ा है। सास द्वारा बहू को सताने, उसे दहेज के लिए जला डालने के प्रसंग एक टीस पैदा करते हैं। लेकिन सास-बहू सम्बंधों का एक यही पहलू नहीं है। हमारे बीच में ही ऐसी सासें भी हैं, जिन्होंने अपनी बहू को मां से भी बढ़कर स्नेह दिया, उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। और फिर पराये घर से आयी बेटी ने भी उनके लाड़-दुलार को आंचल में समेट सास को अपनी मां से बढ़कर मान दिया। क्या आपकी सास ऐसी ही ममतामयी हैं? क्या आपकी बहू सचमुच आपकी आंख का तारा है? पारिवारिक जीवन मूल्यों के ऐसे अनूठे उदाहरण प्रस्तुत करने वाले प्रसंग हमें 250 शब्दों में लिख भेजिए। अपना नाम और पता स्पष्ट शब्दों में लिखें। साथ में चित्र भी भेजें। प्रकाशनार्थ चुने गए श्रेष्ठ प्रसंग के लिए 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।

सास कम, मां अधिक

श्रीमती शालिनी सूद अपनी सासू मां श्रीमती स्नेह सूद के साथ

विवाह से पहले मैंने अपनी सहेलियों के मन में ससुराल का डर जागते देखा था। हालांकि मेरा विवाह जब तय हुआ तो ससुराल के बारे में मुझे कोई विशेष डर नहीं लगा, क्योंकि मेरा विवाह परिचित परिवार में ही तय हुआ था। मेरे पति श्री रोबी और सासू मां श्रीमती स्नेह सूद को हमारा परिवार शुरू से जानता था। आज सोचती हूं कि मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि जैसा सोचती थी वैसी ही ससुराल और सास मुझे मिली।

आज हमारे विवाह को दस वर्ष हो गए हैं, पर शादी से पहले की मेरी देर से जागने की जो आदत थी, वह आज भी नहीं बदली। लेकिन सासू मां ने कभी भी मेरी इस आदत को लेकर कुछ नहीं कहा, जबकि वह खुद सुबह जल्दी जाग जाती हैं।

यही बात खान-पान के बारे में भी है। मेरे पति या बच्चे भले ही मेरे बनाए खाने को लेकर टीका-टिप्पणी करते हों, लेकिन सासू मां ने मुझे कभी इस बात का अहसास नहीं होने दिया कि मेरी पाक कला में कहीं कोई कमी है। आज भी मुझे मक्के की रोटी बनाने में कठिनाई होती है। मेरी मां हमेशा कहती थीं कि इतनी बड़ी हो गई लेकिन अभी तक रोटी बनाना तक नहीं आता। लेकिन सासू मां ने कभी इस बारे में मुझसे कुछ नहीं कहा। आज भी हमारे घर में जब मक्के की रोटी बनती है तो सासू मां ही बनाती हैं।

मुझे अपनी मां की याद अपने बैठे राघव को जन्म के समय आई थी। बच्चे की मालिश, उसको नहलाना-धुलाना, खान-पान इन सबका ध्यान नानी ही रख सकती हैंं, ऐसा मुझे लगा था। लेकिन मेरी इस धारणा को सासू मां ने झुठला दिया। न केवल राघव, बल्कि केशव भी अपनी दादी के दुलार में ही बड़ा हुआ। आज सासू मां के पास दोनों को छोड़कर मैं अपने कामों के लिए आराम से बाहर जा सकती हूं। हमारे लिए इतना सब करने के बाद भी सासू मां ने हमारे व्यक्तिगत जीवन में कभी दखल नहीं दी, न ही कभी मुझे कोई उपदेश देने का प्रयत्न किया। इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि हम सास-बहू में कभी नोंक-झोंक होती ही नहीं है। सासू मां हर काम बड़े धीरज के साथ आराम से निपटाती हैं, जबकि मैं बहुत जल्दी काम निपटाना चाहती हूं, ताकि अखबार या किताबें पढ़ने, सहेलियों के साथ बातचीत करने के लिए समय बचे। बस, यहीं आकर थोड़ी झड़प होती है। लेकिन इन दस वर्षों में मैंने जाना है कि वे बहुत सहज, सरल और आत्मीय हैं।

एक बार सासू मां ने मुझसे कहा था कि वह ऐसी बहू चाहती थीं जो घरेलू भी हो और मिलनसार भी। जहां तक हो सासू मां नौकरी-पेशा बहू नहीं चाहती थीं। मुझे अपने आप पर तब गर्व हुआ जब एक बार सासू मां ने कहा, “मैं जैसी बहू चाहती थी, वैसी ही है तू।” आज अगर कोई मुझसे पूछे तो मैं यही कहूंगी, “मैं भी सासू मां जैसी ही सास चाहती थी, जो सास कम और मां अधिक हो।”

शालिनी सूद

ए-29, परवाना अपार्टमेंटस्,

मयूर विहार, फेस-1 विस्तार, दिल्ली-110091

स्त्री

हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भ

बनी ठनी

विजयादशमी उत्सव में पारंपरिक वेश-भूषा और आभूषणों से सजी-धजी

राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया 17

18

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

­जलालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

­जलालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies