16 अप्रैल 1853 में मुंबई से ठाणे के बीच चली रेल, भारत की पहली यात्री गाड़ी थी, लेकिन इससे करीब दो साल पहले 22 दिसंबर 1851 को भारतीय रेल का सफर, एक मालगाड़ी से शुरू हो चुका था। दो बोगियों वाली यह मालगाड़ी आईआईटी के लिए मशहूर उत्तराखंड के रुड़की और पांच किमी दूर धार्मिक पहचान रखने वाले पिरान कलियर के बीच चली थी। दरअसल, ब्रिटिश शासनकाल में हरिद्वार में गंग नहर के निर्माण के दौरान निकले लाखों टन मिट्टी को हटाने में सफलता नहीं मिल रही थी, जिसके बाद इंग्लैंड से विशेष तौर पर माल ढोने वाले वैगन और इंजन को मंगवाया गया। छह पहियों और 200 टन भार क्षमता वाली इस मालगाड़ी को चलाने के लिए रुड़की से पिरान कलियर तक पटरी बिछाई गई। जब पहली बार यह रेल चली तो लोगों ने रोमांचित होकर उत्साह से इस अवसर को देखा। भारत की उस पहली मालगाड़ी देखने भीड़ उमड़ पड़ी थी। हालांकि अंग्रेजों द्वारा बनाई गई इस रेल पटरी का दोबारा कभी उपयोग नहीं हुआ। रेलवे ने इस एतिहासिक रेल के इंजन को रुड़की रेलवे स्टेशन परिसर में लोगों को देखने के लिए रखा है।
अन्य अहम घटनाएंः
- 1666 – सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म।
- 1866 – स्वतंत्रता सेनानी मजहरुल हक का जन्म।
- 1887 – महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन का जन्म।
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