प्राप्त जानकारी के अनुसार एक वाष्प इंजन पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर लंबे समय से रखा हुआ था। 14 दिसंबर को इंजीनियर राजीव रंजन झा अपने सहयोगी सुशील यादव के साथ वहां पहुंचे और इंजन को कटवाने लगे। इस पर आउट पोस्ट के प्रभारी एम.एम. रहमान ने जब उन्हें रोका तो उन्होंने समस्तीपुर मंडल के मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीएमई) का फर्जी पत्र दिखाते हुए कहा कि इसे काटकर समस्तीपुर लोको डीजल शेड ले जाना है। इसके बाद उस इंजन को काटकर एक कबाड़ी के पास पहुंचा दिया गया। और उधर समस्तीपुर लोको डीजल शेड में तैनात एक दारोगा वीरेंद्र द्विवेदी समेत कुछ रेलकर्मियों की मिलीभगत से एक वाहन को प्रवेश करा दिया गया और कहा गया कि इसमें कबाड़ है। लेकिन अगले दिन डीजल शेड में तैनात सिपाही संगीता ने उस वाहन को खाली देखा तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इसके बाद मामले की जांच हुई। पता चला कि डीएमई की ओर से ऐसा कोई आदेश ही नहीं दिया गया है।
इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें राजीव रंजन झा, सुशील यादव सहित सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। मामला खुलने के बाद से राजीव झा की गिरफ्तारी के लिए आरपीएफ की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। डीआरएम आलोक अग्रवाल के आदेश पर राजीव रंजन झा, सुशील यादव और वीरेंद्र द्विवेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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