डीआरडीओ ने ओडिशा के तट से दूर ‘वर्टिकली लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस दौरान DRDO की ओर से बताया गया कि एयर डिफेंस सिस्टम लगभग 15 किमी की दूरी पर टारगेट को ख़त्म कर सकता है। इसे खास नौसैनिक युद्धपोतों के लिए विकसित किया गया है।
क्या है इसमें खास
इस मिसाइल के सैन्य तकनीक में जुड़ने से ना केवल नौसेना को फायदा मिलेगा बल्कि वायु सेना को भी सहायता मिलेगी। खबरों के अनुसार ये 360 डिग्री के लक्ष्य से किसी भी दिशा से आ रहे ड्रोन, मिसाइल या फाइटर जेट को मार गिरा सकती है। इससे पहले DRDO ने रडार वार्निंग रिसीवर (RWR) और मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम (MAWS) को भारतीय वायुसेना को दिया था। डीआरडीओ के अधिकारीयों के अनुसार UVMAWS एक पैसिव मिसाइल है, जिसका काम दुशमन की मिसाइल का पता लगाना और पायलट को इसके बारे में सचेत करना है।
टिप्पणियाँ