मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब भाजपा की सरकार बनी तो मैंने देखा कि एससी, एसटी समाज के बच्चों की स्कॉलरशिप ही रोक दी गई थी। वर्ष 2016 से बच्चों की स्कॉलरशिप नहीं जा रही थी। परीक्षाएं नजदीक आ रही थी। हमारी सरकार ने विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप को बहाल किया। जो सरकारें राजनीतिक प्रतिशोध और प्रतिद्वंद के अंतर्गत बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करती हैं, उनकी मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 12,17,631 बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान कर दी गई है। 2 अक्टूबर को भी उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग 57 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति की किस्त भेजी थी। कोरोना महामारी के कारण स्कूल- कॉलेज बंद थे। छात्रों का प्रवेश देर से हुआ इस कारण से छात्रवृत्ति को अलग-अलग किस्तों में भेजी जा रही है। साढ़े चार वर्षों में हमारी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार में जितने छात्रों को स्कॉलरशिप मिलती थी, उससे 40 लाख से अधिक बच्चों को इस योजना के साथ जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें भेदभाव करती थीं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बच्चों की स्कॉलरशिप रोक दी गई थी। आपने देखा होगा कि शासन की योजनाओं को हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभ्युदय कोचिंग से निकले बच्चों ने बड़ी संख्या में अलग-अलग कई प्रतियोगी परीक्षाओं में स्थान प्राप्त किया है।
यह परिणाम उत्तर प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था दी जा रही है। पिछली सरकारें इस स्कॉलरिशप पर रोक लगाती थीं इसमें स्वयं का अपना राजनीतिक लाभ-हानि देखती थी, लेकिन आज लाभ हानि की परवाह किये बिना केवल और केवल यह मानकर कि बच्चों को पढ़ने का मौका मिलना चाहिए और अच्छा वातावरण मिलना चाहिये, स्कॉलरशिप की राशि उनके खातों तक पहुंचाई जा रही है।
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