धारचूला सहित उत्तराखंड के सभी अंतरराष्ट्रीय सीमा पोस्ट पर अब नेपाली नागरिकों को अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। अभी तक नेपाली नागरिक भारत की खुली सीमा पर बेरोकटोक आते जाते थे।
उत्तराखंड और नेपाल के बीच करीब 300 किलोमीटर की खुली सीमा है और सीमा विभाजन करती काली शारदा नदी पर बने पुल पर दोनों देशों का आमने-सामने चेक पोस्ट है। धारचूला बनबसा, झूलाघाट, बह्मदेव मंडी आदि चेकपोस्ट पर सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) ने गृह मंत्रालय के आदेशों के बाद नेपाल से आने वाले नेपाली नागरिकों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया है। अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी और नेपाली नागरिक बिना कोई पहचान दिखाए भारत में आते जाते रहते थे। हालांकि यह व्यवस्था नेपाल में भारतीयों के लिए नहीं थी। भारत से जाने वाले नागरिकों को नेपाल सीमा प्रहरी चौकी पर अपनी आमद और जाने की सूचना दर्ज करवानी होती थी। नेपाल के नागरिकों को अब अपने वाहनों की भी सूचना को एसएसबी चौकी में दर्ज करवाना होगा।
उत्तराखंड में नेपाल और भारत के बीच करीब 10 हजार लोगों का रोजाना आना जाना होता है, जिनमें से 9 से 7 हजार नेपाली नागरिक होते हैं, जो रोजगार के सिलसिले में भारत आते जाते हैं। धारचूला के एसएसबी के सहायक कमांडेंट अमित कुमार ने बताया कि अराजक तत्वों की भारत में घुसपैठ रोकने के उद्देश्य से यह नई व्यवस्था शुरू की गई है। देश की सुरक्षा के लिए ये जरूरी है कि यहां आने वाले विदेशियों की पहचान जरूरी है।
टिप्पणियाँ