ब्रिटेन स्थित एसएफजे के कार्यालय पर छापा, एक अलग 'सिख राष्ट्र' की साजिश से जुड़े फर्जी दस्तावेज बरामद
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

ब्रिटेन स्थित एसएफजे के कार्यालय पर छापा, एक अलग ‘सिख राष्ट्र’ की साजिश से जुड़े फर्जी दस्तावेज बरामद

by WEB DESK
Nov 25, 2021, 04:26 pm IST
in विश्व
एसएफजे के दफ्तर से ब्रिटेन की पुलिस को मिली आपत्तिजनक सामग्री

एसएफजे के दफ्तर से ब्रिटेन की पुलिस को मिली आपत्तिजनक सामग्री

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
ब्रिटेन की पुलिस द्वारा इस उग्रपंथी गुट से मिले उपकरणों और दस्तावेजों की छानफटक से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जहां यह उग्रपंथी गुट भारत में तथाकथित किसान आंदोलन को उग्र रास्ते पर ले जाने में जुटा हुआ है वहीं अंदरखाने एक अलग 'सिख देश' बनाने की मुहिम भी छेड़े हुए है

 

यूके की मेट्रोपालिटन पुलिस ने पिछले दिनों हाउंस्लो इलाके में स्थित 'साड्डा सुपरस्टोर' की पहली मंजिल पर छापा मारने के बाद एक हैरतअंगेज खुलासा किया है। पुलिस ने यह छापा वहां चल रहे उग्रपंथी गुट और तथाकथित खालिस्तान का आंदोलन चलाने वाले 'सिख फार जस्टिस' (एसएफजे) के कार्यालय पर मारा गया था। पुलिस ने वहां से एसएफजे के 'जनमत संग्रह' से जुड़े तमाम इलेक्ट्रानिक उपकरण तथा दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। उन उपकरणों और दस्तावेजों की छानफटक से चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि जहां यह उग्रपंथी गुट भारत में तथाकथित किसान आंदोलन को उग्र रास्ते पर ले जाने में जुटा हुआ है वहीं अंदरखाने एक अलग 'सिख देश' बनाने की मुहिम भी छेड़े हुए है। 

इसी के लिए सिख फार जस्टिस ने यह फर्जी 'जनमत संग्रह' किया था। वह एक अलग 'सिख देश' बनाकर अपने आप को एक अलग दर्जे पर पहुंचते देखना चाहता है। यह जानकारी दी है ब्रिटेन की पुलिस ने जिसे अपनी छापेमारी में मिली चीजों से इस खतरनाक चाल का पता चला है। हालांकि पुलिस ने यह भी बताया है कि एक अलग 'सिख देश' की मांग उठाने वाले 'खालिस्तान' समर्थकों के उक्त आयोजन में बहुत कम सिख शामिल हुए थे। उस फर्जी जनमत में बहुत कम सिखों के आने से यह कोरा तमाशा साबित हुआ था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वहां से प्राप्त इलेक्ट्रानिक उपकरणों से फर्जी पहचान पत्र बनाए जा रहे थे। 'जनमत संग्रह' में वोट डालने वालों की तादाद बहुत ज्यादा दिखाने के लिए फर्जी वोटरों से जुड़े कागजात भी बरामद किए गए हैं। 

ब्रिटेन की पुलिस ने यह छापा तब मारा था जब यूके में बसे भारतीयों से, खासकर लंदन में रह रहे सिख समुदाय ने उसे कुछ पुख्ता जानकारियां दी थीं। इन चीजों का पता चलने के बाद यूके की मेट्रोपालिटन पुलिस ने 356 बाथ रोड, हाउंस्लो में 'साड्डा सुपरस्टोर' के पहले तल पर चल रहे सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के कार्यालय पर छापा मारा था। पुलिस ने एसएफजे के उस 'जनमत संग्रह' से जुड़े तमाम दस्तावेज और उपकरण जब्त कर लिए हैं।

 

ब्रिटेन में खालिस्तानी झंडे लेकर प्रदर्शन करते खालिस्तान समर्थक  (फाइल चित्र)

एसएफजे के दफ्तर पर छापे से ब्रिटेन के सिख समुदाय ने राहत की सांस ली है क्योंकि यही वह गुट है जो यूके में शांति-सौहार्द से रह रहे अनिवासी भारतीयों में 'खालिस्तान' और 'किसान आंदोलन' को लेकर दरार पैदा करने की कोशिश करता आ रहा है। एसजेएफ के स्वयंभू नेता पतवंत सिंह पन्नू ने 'किसान आंदोलन' लाल किले पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया के जरिए भड़काउ वीडियो और संदेश प्रसारित किए थे।  

 

बताते हैं, पिछले लंबे वक्त से पुलिस को एसएफजे के कुछ सूत्रों की ओर से इस गुट के दफ्तर में चल रहीं गैरकानूनी गतिविधियों की जानकारी मिली थी। यहां बता दें कि पुलिस ने इस मामले में एक पाकिस्तानी को भी पकड़ा है। पता यह भी चला है कि एसएफजे के उस फर्जी 'जनमत संग्रह' को यूके में रह रहे 8 लाख से ज्यादा सिखों ने सिरे से खारिज किया है। इस 'जनमत संग्रह' में वोट डालने के लिए खालिस्तान समर्थकों का एक छोटा सा जत्था तथा कुछ अन्य लोग ही थे, जो बरगला कर वोट डालने की जगह तक लाए गए थे। एसएफजे के सूत्रों के अनुसार, कई सिखों को उस फर्जी जनमत संग्रह में 'किसान आंदोलन को और मजबूत करने' की आड़ में वोट डलवाए गए थे। 

एसएफजे के दफ्तर पर छापे से ब्रिटेन के सिख समुदाय ने राहत की सांस ली है क्योंकि यही वह गुट है जो यूके में शांति-सौहार्द से रह रहे अनिवासी भारतीयों में 'खालिस्तान' और 'किसान आंदोलन' को लेकर दरार पैदा करने की कोशिश करता आ रहा है। एसजेएफ के स्वयंभू नेता पतवंत सिंह पन्नू ने 'किसान आंदोलन' लाल किले पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया के जरिए भड़काउ वीडियो और संदेश प्रसारित किए थे। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies