संगीत को 'इस्लाम विरोधी' मानने वाले तालिबान ने इसे लेकर कई बार चेतावनी जारी की है। अभी अगस्त में ही महिलाओं को टेलीविजन पर गाने से मना किया गया था।
वेब डेस्क
नांगरहार में पिछले दिनों तालिबान की क्रूरता का वीभत्स प्रदर्शन हुआ। बंदूकधारी लड़ाकों ने एक शादी समारोह में संगीत गुंजाने के 'जुर्म' में 13 लोगों की जान ले ली। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट करके इस खबर को साझा किया है।
उल्लेखनीय है कि मध्य युगीन सोच वाले कट्टर मजहबी तालिबान को गीत—संगीत से बेहद नफरत है। जबकि शरियत के हिसाब से राज चलाने का दावा करने वाले तालिबान लड़ाके खुद असल में कितनी ओछी हरकतें पाए गए हैं। गीत—संगीत को 'इस्लाम विरोधी' मानने वाले तालिबान ने इसे लेकर कई बार चेतावनी जारी की है। अभी अगस्त में ही महिलाओं को टेलीविजन पर गाने से मना किया गया था।
नांंगरहार घटना की जानकारी देते हुए सालेह ने ट्वीट किया है कि नांगरहार में तालिबान आतंकियों ने 13 लोगों को बस इसलिए जान से मार दिया क्योंकि वहां शादी में संगीत बजाया जा रहा था। अब हम सिर्फ गुस्सा जाहिर कर शांत बैठे नहीं रह सकते। पिछले 25 साल में पाकिस्तान ने ही इन आतंकवादियों को तैयार किया है। उसने इनके जरिए अफगानिस्तान की संस्कृति को बर्बाद किया है।
नांंगरहार घटना की जानकारी देते हुए सालेह ने ट्वीट किया है कि नांगरहार में तालिबान आतंकियों ने 13 लोगों को बस इसलिए जान से मार दिया क्योंकि वहां शादी में संगीत बजाया जा रहा था। अब हम सिर्फ गुस्सा जाहिर कर शांत बैठे नहीं रह सकते। पिछले 25 साल में पाकिस्तान ने ही इन आतंकवादियों को तैयार किया है। उसने इनके जरिए अफगानिस्तान की संस्कृति को बर्बाद किया है।
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