उत्तराखंड में आफत की बारिश के बाद तराई के जिले उधम सिंह नगर में आई बाढ़ की वजह से करीब छह हजार घरों में पानी भर गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आपदा प्रभावित लोगों के घरों तक भोजन, जरूरी बर्तन, राशन और कपड़े पहुंचाए। रुद्रपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रो में आयी बाढ़ में बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं। घरों में इतना पानी और मलबा भर गया कि लोगों को नाव और स्टीमर की मदद से सुरक्षित स्थानों तक लाया गया। इन परिवारों की झोपड़ियां, बर्तन, कपड़े, राशन सबकुछ बह गया।
जिला प्रशासन ने इन बाढ़ प्रभावितों के रहने के लिए अस्थायी शिविरों में बनाए हैं। रुद्रपुर क्षेत्र में लगभग 6000 पीड़ित परिवार हैं। करीब 2000 परिवार ऐसे हैं, जिनके पास खाने,पहनने-ओढ़ने के लिए कुछ नहीं बचा। मवेशी खुले आसमान में रह रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए कॉपी-किताबें, बस्ते तक बाढ़ में बह गए। आपदा के इस हालात में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सेवा कार्य कर रहा है। प्रारंभिक दिनों से ही प्रशासन का सहयोग करते हुए सेवा कार्य शुरू किया, सबसे पहले स्वयंसेवको की टोलियां बनाकर भोजन बनाने और वितरण का कार्य किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में बेस कैंप बनाया और यहां शहरवासियों की मदद से राहत सामग्री जुटाई । राहत सामग्री वितरण के लिए बनाए दो केंद्रों दूधिया बाबा आश्रम और सरस्वती शिशु मंदिर से पका भोजन, कच्चा राशन, कपड़े स्वयंसेवको की टोलियां सुबह-शाम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जरूरतमंदों तक पहुंचा रही हैं। दूधिया बाबा आश्रम वितरण केंद्र से- रामपुरा, रेशम बाड़ी, भूत बंगला, खेड़ा ,वगवाड़ा भट्टा क्षेत्र के आपदा पीड़ित लोग यहां से सामग्री प्राप्त कर रहे हैं।
सरस्वती शिशु मंदिर वितरण केंद्र से शिव नगर, संजय नगर, खेड़ा, कृष्णा कॉलोनी, खड्डा कॉलोनी के लोग राहत सामग्री प्राप्त कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावितों की सहायता में ओढ़ने के लिए कंबल, तिरपाल, बर्तनों का सेट (एक भगोना, एक फ्राईपैन, दो थाली, दो गिलास, दो कटोरी करछी) अभी तक 1107 परिवारों तक यह सहायता पहुंचाई गई है। अभी 970 परिवारों का पहचान करने का कार्य एवं राहत वितरण का कार्य चल रहा है।
आपदा राहत कार्य विभाग प्रचारक नरेंद्र जी की निगरानी में चल रहा है। आपदा राहत प्रमुख विशाल खेड़ा, राहत सामग्री वितरण प्रमुख धीरेंद्र भट्ट, नीरज त्यागी, विजय बहादुर, अशोक जायसवाल, निखलेश शांडिल्य, बरीत सिंह की टोलियां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेवा कार्य मे लगी हुई हैं।
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