उन्मादी शरजील इमाम की जमानत याचिका दिल्ली के साकेत कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस दौरान न्यायालय ने कहा कि शरजील ने जो कहा और किया वो आपराधिक है। फ्री स्पीच के नाम पर दंगे भड़काने की छूट नहीं दी जा सकती। बता दें कि शरजील इमाम ने सीएए और एनआरसी के विरोध में मुसलमानों को भारत के खिलाफ भड़काने का काम किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 13 दिसंबर, 2019 के भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से पता चला कि यह सांप्रदायिक और विभाजनकारी है। न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज करते हुए स्वामी विवेकानंद के विचार भी पढ़े। न्यायाधीश ने कहा कि हम वह हैं, जो हमें हमारी सोच ने बनाया है। इसलिए इस बात का ध्यान रखिए कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।
उल्लेखनीय है कि शरजील इमाम के विरुद्ध आईपीसी की धारा 124ए/153ए के तहत मुकदमा दर्ज है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसकी स्पीच की स्क्रिप्ट भी दी गई, जिसमें उसने उत्तर भारत के शहरों को बंद करने के लिए मुस्लिमों को भड़काया था। शरजील को 13 दिसंबर, 2019 को जामिया विवि में दिए एक भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था। उसने 16 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से काटने की धमकी दी थी। इसके बाद पुलिस ने उसे 28 जनवरी, 2020 को हिरासत में लिया था।
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