पंजाब सरकार द्वारा हरप्रीत सिंह बरार को तकनीकी सलाहकार नियुक्त करने के फैसले को एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय में दाखिल एक जनहित याचिका में कहा गया है कि बरार के खिलाफ निगरानी विभाग आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रहा है। इसके बावजूद उन्हें तकनीकी सलाहकार नियुक्त किया गया है। इस पर उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार, पंजाब मंडी बोर्ड और हरप्रीत को नोटिस जारी किया है।
यह जनहित याचिका लुधियाना के प्रीतम सिंह कोरे ने दाखिल की है। याची की ओर से न्यायालय में पेश अधिवक्ता एचसी अरोड़ा ने कहा कि हरप्रीत 31 जुलाई को पंजाब मंडी बोर्ड के मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति से कुछ ही दिन पहले निगरानी ब्यूरो ने इनके खिलाफ कथित तौर पर ज्ञात आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच शुरू की थी। लेकिन जांच की अनदेखी कर हरप्रीत सिंह बरार को तकनीकी सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
याची के वकील का कहना था कि पंजाब राज्य कृषि विपणन बोर्ड (पंजाब मंडी बोर्ड) समूह-ए सेवा नियम, 1988 में तकनीकी सलाहकार का कोई पद नहीं था। इसी तरह, इस तरह के पद के लिए अधिनियम में प्रावधान नहीं किया गया था, जिसके तहत पंजाब मंडी बोर्ड की स्थापना की गई थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और न्यायमूर्ति अरुण पल्ली ने पंजाब सरकार, पंजाब मंडी बोर्ड और हरप्रीत सिंह बरार को नोटिस जारी किया।
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