भारत की सीमाओं के अतिक्रमण की ताक में बैठे चीन ने पैगोंग झील के एकदम पास जिस तरह की सैन्य तैयारी की है, उससे उसकी मंशाओं पर संदेह होना स्वाभाविक है
उपग्रह चित्रों ने एक बार फिर चीन की चालबाजियों को उजागर किया है। पैगोंग झील के पास चीन ने बेहद मारक हथियारों का जखीरा जमा कर लिया है। विस्तारवादी ड्रेगन की ताजा हरकतों से साफ है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास तनाव के बादल छंटे नहीं हैं। इतना ही नहीं उपग्रह चित्र दिखाते हैं कि चीन ने झील के उस पार अपने फौजी जमावड़े में खाई खोदी हुई है। अन्य विशाल टैंक भी वहां तैनात दिखते हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जून में भारतीय सैनिकों ने वहां घुसपैठ की कोशिश करने वाली चीनी टुकड़ी को छठी का दूध याद दिलाया था। उसके बाद से सीमा पर अप्रैल 2020 पूर्व की स्थिति बहाल करने की बातें तो ड्रेगन लगातार करता रहा है, लेकिन अब ताजा खुलासे से साफ है कि वह वार्ताओं की आड़ में अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। लेकिन संतोष की बात यह है कि भारत के रक्षा विशेषज्ञ चीन के इरादों को भलीभांति जानते हैं। लेकिन जून 2020 के बाद से उस क्षेत्र में चीन ने गतिविधियों को देखते हुए भारत ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। अगर कम्युनिस्ट सेना ने फिर सीमा लांघी तो उसे मुंहतोड़ जवाब देने को हमारी सेनाएं तैयार हैं। ऐसा हमारे सैन्य अधिकारियों ने गत एक वर्ष में अनेक अवसरों पर कहा है।
उपग्रह के ताजा चित्रों से यह पता चला है कि कम्युनिस्ट तानाशाह ने लद्दाख में सीमा के निकट पैंगोंग झील के बहुत पास बेहद मारक मिसाइलें और आधुनिकतम हथियार जमा कर रखे हैं, उसने वहां अपने सैनिकों की तादाद भी बढ़ा दी है।
बताते हैं, चीन ने अपने सैनिकों को फिंगर 4 से हटा दिया है लेकिन वहां से उन्हें फिंगर 8 पर तैनात कर दिया गया है। उपग्रह तस्वीरों में दिखता है कि चीन ने विवादित स्थान के बहुत पास पीएलए फौजियों को तैनात किया हुआ है। और यह स्थान पैगोंग झील से एकदम सटा हुआ है। इतना ही नहीं, ड्रेगन ने अपने पाले में इसी स्थान पर गहरी खाई भी खोदी हुई है। वहां फौज के लिए आवास बनाए हुए हैं।
बढ़ी सैनिकों की संख्या
अमेरिका में इस बारे में छपी खबरों से पता चलता है कि आज वहां चीन ने पहले से कहीं ज्यादा सैनिक रखे हुए हैं। अर्थात गलवान में मुठभेड़ के वक्त वहां चीन के जितने सैनिक थे, आज उससे 15 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। गुप्तचर रपट की मानें तो पीएलए गत कुछ महीनों के दौरान वहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाती गई है और अब यह 50 हजार तक पहुंच गई है। पिछले दिनों चीन ने गलवान हिंसा में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या चार से बढ़ाकर पांच कर दी थी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा बताई जा रही संख्या झूठ है, उसके मरने वाले सैनिकों का आंकड़ा कहीं ज्यादा है।
अमेरिका में छपी खबरों से पता चलता है कि आज पैगोंग त्से इलाके में चीन ने पहले से कहीं ज्यादा सैनिक रखे हुए हैं। अर्थात गलवान में मुठभेड़ के वक्त वहां चीन के जितने सैनिक थे, आज उससे 15 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात हैं। गुप्तचर रपट की मानें तो, पीएलए गत कुछ महीनों के दौरान वहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाती गई है जो आज 50 हजार तक पहुंच गई है।
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