भारत के विदेश मंत्री जयशंकर
एफएटीएफ की ग्रे सूची में पाकिस्तान आतंक को प्रायोजित करने की अपनी हरकतों से है, लेकिन भड़ास निकाल रहा है भारत पर
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की एफएटीएफ पर स्पष्ट टिप्पणी पाकिस्तान को हजम नहीं हुई और उसने फौरन ट्वीट दागकर अपनी भड़ास निकाली और उलटे भारत पर ही आरोप लगा दिए। असल में विदेश मंत्री जयशंकर ने बस इतना कहा था कि मोदी सरकार के प्रयासों का ही यह नतीजा है कि पाकिस्तान का नाम एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना हुआ है।
दरअसल पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) नामक वैश्विक निगरानी दल की ग्रे सूची से बाहर निकलने के लिए एक लंबे अर्से से तड़फड़ा रहा है, लेकिन उसकी आतंकियों को पोसने वाली करतूतें जगजाहिर हैं। वह इस बार भी इस सूची से बाहर आने को हाथ—पैर मारता रहा पर कामयाब नहीं हो पाया। दिखावे के लिए उसने ऐसे कुछ कदम उठाए और फिलहाल खुद को उन्हीं कदमों पर चलता दिखा रहा है, लेकिन उसकी असलियत दुनिया जान गई है। भारत की केन्द्र सरकार ने भी समय—समय पर उसके आतंकवाद को शह देने के उदाहरण प्रमाण सहित वैश्विक मंचों पर रखे हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान की अपनी करतूतों पर पर्दा डालने की लाख कोशिशों के बाद भी उसका नाम उस ग्रे सूची से बाहर नहीं निकल पाया है।
ऐसे में, जब भारत के विदेश मंत्री का बयान आया तो उसका तिलमिलाना ऐसा था जैसे चोर की दाढ़ी में तिनका। पड़ोसी इस्लामी देश गुस्से से लाल—पीला होने लगा और उलटा भारत को दोष देने लगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 19 जुलाई को भारत पर एफएटीएफ का राजनीतिकरण करने और इस प्रक्रिया को कमजोर करने का दोष मढ़ दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ट्वीट करके भारत पर एफएटीएफ का राजनीतिकरण करने को आरोप लगा दिया। उनके मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज ने कहा,''पाकिस्तान हमेशा से एफएटीएफ के राजनीतिकरण और भारत की तरफ से इसकी प्रक्रियाओं को कमजोर करने की बात कहता आ रहा है। भारत के विदेश मंत्री का हाल का बयान पाकिस्तान के विरुद्ध अपने राजनीतिक मंसूबों को पूरा करने के लिए एक अहम तकनीकी मंच का उपयोग करने की उनकी कोशिशों का दर्शाता है''।
जयशंकर ने जैशे मोहम्मद और लश्करे तोयबा के आतंकवादियों पर पाबंदी लगने का श्रेय वैश्विक मंचों पर भारत सरकार के प्रयासों को दिया। विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारी वजह से पाकिस्तान एफएटीएफ की निगाहों में है। उसे ग्रे सूची में रखा गया है। हम पाकिस्तान पर दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं।'
हाफिज ने आगे कहा,''पाकिस्तान कार्ययोजना के क्रियांवयन के दौरान एफएटीएफ के साथ पूरी ईमानदारी और रचनात्मकता से जुड़ा रहा है। भारत ने अफसोसजनक तरीकों से पाकिस्तान की तरक्की पर शक करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।' साथ ही हाफिज ने कहा कि एफएटीएफ में पाकिस्तान का आकलन करने के लिए भारत पर सवाल हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने 18 जुलाई को भाजपा के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा था कि यह मोदी सरकार के प्रयासों से ही पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में कायम हुआ है। इस कार्यक्रम में वे सरकार की विदेश नीति पर बोल रहे थे। जयशंकर ने जैशे मोहम्मद और लश्करे तोयबा के आतंकवादियों पर पाबंदी लगने का श्रेय वैश्विक मंचों पर भारत सरकार के प्रयासों को दिया। विदेश मंत्री ने कहा, 'हमारी वजह से पाकिस्तान एफएटीएफ की निगाहों में है। उसे ग्रे सूची में रखा गया है। हम पाकिस्तान पर दबाव बनाने में कामयाब रहे हैं।' जयशंकर ने कहा कि जी-20 या जी-7 जैसे मंचों पर किए गए प्रधानमंत्री के निजी प्रयासों ने तमाम देशों को अहसास दिलाया है कि आतंकवाद हर किसी की समस्या है।
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