केंद्र सरकार ने नए सिरे से ड्रोन नियम की रूपरेखा तैयार की है। इसे पहले से उदार बनाया गया है। इस पर 5 अगस्त तक लोग अपने सुझाव दे सकेंगे।
जम्मू में ड्रोन हमले के बाद से केंद्र सरकार ने ड्रोन नीति को उदार बनाते हुए नए सिरे से ड्रोन नियम-2021 का मसौदा तैयार किया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को इसे सार्वजनिक परामर्श को जारी किया। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के निदेशक स्मित शाह ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि उदार नीति को अधिसूचित करने का यह साहसिक कदम भारत को तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा।
स्मित शाह ने कहा कि ड्रोन से निपटने की तकनीक पर शोध करने की जरूरत है। जम्मू एयर बेस में विस्फोट के बाद सभी सख्त ड्रोन नीति की जरूरत बात करने लगे, लेकिन कोई भी सख्त या उदार ड्रोन नीति वास्तव में रिमोट ऑपरेटर सर्टिफिकेट (आरओसी) ड्रोन की चिंताओं को दूर नहीं करती है। उन्होंने कहा, "जम्मू की घटना के बाद भी अगर सरकार ने उदार नीति को अधिसूचित करने का यह साहसिक कदम उठाया है तो इसका मतलब है भारत ने इस तकनीक में अग्रणी होने का फैसला किया है।"
5-7 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे
सुरक्षा चिंताओं पर खतरों के बारे में उन्होंने कहा, "हमें काउंटर-ड्रोन तकनीक पर शोध करने की आवश्यकता है। काउंटर-ड्रोन तकनीक के लिए अनुसंधान, पहचान और निष्प्रभावीकरण तंत्र की जरूरत है।" उन्होंने बताया कि ड्रोन उद्योग काउंटर-ड्रोन प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के निदेशक ने कहा, "देश में कम से कम 100 ड्रोन निर्माता, कम से कम 200 ड्रोन सेवा प्रदाता और एक लाख से अधिक ड्रोन पायलट हैं। ड्रोन नियमों के संबंध में नीति लागू होने के बाद यह क्षेत्र 5-7 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगा।"
कैसा है मसौदा कानून
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विश्वास, स्वप्रमाणन और गैर-घुसपैठ पर निगरानी के लिए बना ड्रोन नियम-2021 यूएएस नियम-2021 का स्थान लेगा, जिसे 12 मार्च, 2021 को जारी किया गया था। लोग इस पर 5 अगस्त, 2021 तक इस पर सुझाव दे सकेंगे। मसौदा कानून में ड्रोन के लिए अनुमोदन समाप्त करने का प्रावधान किया गया है। इसमें विशिष्ट प्राधिकृत संख्या, विशिष्ट प्रारूप पहचान संख्या, अनुरूपता प्रमाणपत्र, रखरखाव प्रमाणपत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान एवं विकास संगठन प्राधिकरण, छात्र दूरस्थ पायलट लाइसेंस, दूरस्थ पायलट प्रशिक्षक प्राधिकरण, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण आदि शामिल हैं। इसके अलावा, ड्रोन नियम-2021 के तहत अधिकतम जुर्माना एक लाख रुपये किया गया है। हालांकि यह अन्य कानूनों के उल्लंघन के संबंध में दंड पर लागू नहीं होगा। कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे और व्यापार के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए एक ड्रोन प्रमोशन काउंसिल की भी स्थापना की जाएगी।
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