भारत के इतिहास से वामपंथियों ने हमेशा छेड़छाड़ की है। किताबों यह लिखा जाता रहा कि महाराणा प्रताप हल्दी घाटी का युद्ध हार गए थे और उन्हें पीछे हटना पड़ा था। जबकि यह सच नहीं है। अब यह पत्थर भी बदला जाएगा जिस पर यह लिखा था कि महाराणा प्रताप पीछे हटे थे
अब तक इतिहास में यही पढ़ाया जाता रहा है कि हल्दी घाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की सेना को पीछे हटना पड़ा था, लेकिन यह सच नहीं है। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने फैसला लिया है कि राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित स्मारक से वह पत्थर हटाया जाएगा, जिसमें लिखा था कि महाराणा प्रताप की सेना को हल्दी घाटी की जंग से पीछे हटना पड़ा था।
हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून, 1576 को मेवाड़ के राजपूत शासक महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच लड़ा गया था। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने अपनी स्टेट यूनिट को आदेश दिया है कि स्मारक से उस पत्थर को हटाया जाए, जिसमें महाराणा प्रताप की सेना के पीछे हटने की बात लिखी है।
बता दें कि बीते दिनों कई नेताओं और राजपूत संगठनों ने हल्टी घाटी स्मारक से यह बात हटाने की मांग की थी। राजसमंद की सांसद दीया कुमारी ने भी 25 जून को केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री से इसमें सुधार करने की मांग की थी। इसके बाद संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने स्पष्ट किया था कि एएसआई को सुधार करने का आदेश जारी किया गया है। मंत्रालय की ओर से आदेश जारी करने के बाद मेघवाल ने कहा था कि हल्दीघाटी स्मारक में लगे पत्थर को बदलवाने का फैसला कर लिया गया है। एएसआई को जोधपुर सर्कल के सुपरिंटेंडेंट बिपिन चंद्र नेगी ने कहा कि स्मारक पर लगे पत्थर को हटाने के लिए कह दिया गया है।
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