सुनील राय
25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरतों को देखते हुए राज्य सरकार नई जनसंख्या नीति घोषित करने वाली है. 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 जारी कर सकते हैं.
नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है. ऐसे में समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयास की जरूरत है. प्रदेश की जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है. अब नई नीति समय की मांग है. वर्ष 2021-30 की अवधि के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया जाय. प्रस्तावित नीति में 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था की जायेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सभी जरूरी प्रयास किए जाएं. जागरूकता प्रयासों के क्रम में "हेल्थ क्लब" बनाये जायें. इसके साथ ही डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था भी की जाय. नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाये रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए.
जनसंख्या को नियंत्रित करके बेहतर कल की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है. इसके लिए यूपी सरकार लोगों को बतायेगी कि छोटा परिवार ही खुशहाली का आधार है. जनघनत्व कम होने से लोगों को बेहतर पर्यावरण मिल सकेगा. स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए जनसंख्या का स्थिरीकरण अत्यंत आवश्यक है. जनसंख्या का स्थिरीकरण करके समाज की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है.
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