दिल्ली के फतेहपुर बेरी मेंं बच्चों से भीख मंगवाने वाले एक व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दक्षिणी दिल्ली के जिलाधिकारी को लिखा पत्र।
अक्सर हम सबके सामने ऐसी घटनाएं होती हैं कि राह चलते कोई बच्चा सामने आता है और हाथ फैला देता है। जब कोई बच्चा हाथ फैलाता है, तो लोग उसे कुछ न कुछ दे ही देते हैं। आपकी और हमारी इस सोच का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली के फतेहपुर बेरी मेंं बच्चों से भीख मंगवाने वाला एक व्यक्ति मिला है। इसका एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। कुर्ता, पायजामा पहने उस व्यक्ति के सर पर जालीदार टोपी है। इसलिए यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि वह व्यक्ति मुसलमान है। उसका वीडियो फतेहपुर बेरी के एक युवक ने बनाया है। युवक की बातों से लग रहा है कि उसके मुहल्ले में कुछ बच्चे बराबर भीख मांगने आते हैं। एक दिन उस युवक की नजर उस व्यक्ति पर पड़ी, जो एक बच्चे को कहीं ले जा रहा था। शक होने पर उसने उससे पूछताछ की और एक वीडियो बना लिया।
वीडियों में साफ दिख रहा है कि वह युवक उस व्यक्ति से बार—बार नाम पूछ रहा है, लेकिन वह नाम नहीं बता रहा है। हां, उस युवक से वह व्यक्ति अपने को छोड़ देने की अपील कर रहा है और यह भी कह रहा है कि गलती हो गई है, माफ कर दो। इसी दौरान वह युवक उसके साथ जा रहे बच्चे से पूछता है कि भीख मांगने के लिए तुम्हें यह व्यक्ति कितना पैसा देता है! बच्चे ने बताया कि 50—100 रु.।
बाद में उस युवक ने उस वीडियो को फेसबुक पर वायरल कर दिया। उस पर एक वकील राहुल मोहड की नजर पड़ी तो उन्होंने इस वीडियो की जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को दी। आयोग ने तुरंत इस पर संज्ञान लिया और 25 जून को दक्षिणी दिल्ली के जिलाधिकारी नवीन अग्रवाल को पत्र लिखकर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उम्मीद है कि जल्दी ही उस व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगी और वह जेल की हवा खाएगा, क्योंकि भीख मांगना अपराध है और किसी बच्चे से यह काम करवाना तो और बड़ा अपराध है।
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