यूएनएचआरसी के 47वें सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान पर निशाना साधा है। यूएन में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ है। तो वहीं हर साल हजारों अल्पसंख्यक लड़कियों का जबरन कन्वर्जन कराया जाता है
यूएनएचआरसी के 47वें सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान पर निशाना साधा है। यूएन में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ है। पत्रकारिता के लिए पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देशों में से एक का संदिग्ध गौरव प्राप्त है। पत्रकारों को धमकाया जाता है, अपहरण कर लिया जाता है और कुछ मामलों में हत्या कर दी जाती है। इस तरह की वारदात केवल आलोचकों का मुंह बंद कराने के लिए की जाती हैं। पवन बाधे ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपने दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए एक बार फिर इस मंच का जानबूझकर दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का मकसद अपने देश में मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों से परिषद का ध्यान हटाना है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जबरन कन्वर्जन हर दिन की बात हो गई है। हमने धार्मिक अल्पसंख्यकों की नाबालिग लड़कियों के अपहरण, बलात्कार, जबरन कन्वर्जन और निकाह की खबरें देखी हैं। पाकिस्तान में हर साल धार्मिक अल्पसंख्यकों की 1000 से ज्यादा लड़कियों का जबरन कन्वर्जन करा दिया जाता है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की घटती आबादी उनकी दुर्दशा का प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान सूचीबद्ध आतंकियों पेंशन देता है और पनाह मुहैया कराता है। इसलिए अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद की मदद के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। मानवाधिकार परिषद के 47वें सत्र के दौरान पाकिस्तान की टिप्पणियों का जवाब देते हुए भारतीय प्रतिनिधि पवन कुमार बाधे ने कहा कि आतंकवाद का खतरा मानवाधिकार का सबसे गंभीर उल्लंघन है और इसके सभी स्वरूपों के साथ कड़ाई से निपटा जाना चाहिए।
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