नोएडा में सैमसंग की डिस्प्ले इकाई बनकर तैयार है। यह इकाई पहले चीन में थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में विकास की असीम संभावनाओं को देखते हुए 2020 में चीन से हटाकर इकाई यहां लगाई गई है
मुख्यमंत्री योगी ने नोएडा में सैमसंग की 'डिस्प्ले' निर्माण इकाई बनकर तैयार होने की जानकारी क्या दी, चीन में एक आघात सा महसूस किया गया।'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत कामयाबी का एक शानदार उदाहरण है सैमसंग की यह इकाई। बताते हैं, इससे करीब 1500 युवाओं को सीधे और, अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण कोरिया के साथ करीब चार साल पहले से ही भारत में, नोएडा और अन्य स्थानों पर इकाइयां स्थापित करने की बात चल रही थी। 2018 में सैमसंग की एक बड़ी इकाई का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने नोएडा में उद्घाटन किया था।
इससे पहले उद्योगों के लिए नोएडा को एक आदर्श स्थान के रूप में विकसित करने के सभी प्रयास मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर शुरू हो चुके थे। निवेशकों को आकर्षित करने और पर्याप्त जानकारी देने के लिए राज्य में निवेशक सम्मेलन हो चुके हैं। 2020 में सैमसंग ने चीन से अपने इस कारखाने को नोएडा में स्थानांतरित किया था। सैमसंग कंपनी के दक्षिणपश्चिम एशिया के अध्यक्ष और सीईओ केन कांग की अगुआई में 20 जून को एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
प्रदेश सरकार द्वारा जारी वक्तव्य के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने कहा,''बेहतर औद्योगिक वातावरण तथा निवेशक के हित की नीतियों की वजह से सैमसंग ने चीन में कार्यरत अपनी 'डिस्प्ले निर्माण इकाई' को भारत लाने का फैसला किया था। इसे नोएडा में स्थापित करने का काम पूरा हो गया है। यह सैमसंग की भारत के प्रति और प्रदेश को निर्माण का केन्द्र बनाने के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट करता है।''
बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सैमसंग की नोएडा इकाई 'मेक इन इंडिया' की सफलता का एक शानदार उदाहरण है। इससे राज्य के युवाओं को रोजगार मिलेगा। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार आने वाले समय में भी सैमसंग कंपनी की सहायता करती रहेगी।
जैसा पहले बताया, दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनियों में शामिल सैमसंग की यह इकाई पहले चीन में थी। सैमसंग की इस नई इकाई के यहां आने से प्रदेश में करीब 4,825 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इतना ही नहीं, भारत 'ओएलईडी' तकनीक से मोबाइल डिस्प्ले निर्माण करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा
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