भारत की सभ्यता व संस्कृति से जुड़े 81 देशों को नव्य अयोध्या में भूखंड आवंटित किया जाएगा. अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव आरपी सिंह के अनुसार, "एक नए रूप में टाउनशिप विकसित होगी. इस टाउनशिप को वैदिक सिटी के तौर पर जाना जाएगा. अयोध्या टाउन सिटी में उन देशों के दूतावास होंगे जो भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता से जुड़े होंगे. अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन जाने के बाद विभिन्न देशों के श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे. उन लोगों को उनके दूतावास में सुविधाएं दी जाएंगी. धार्मिक सांस्कृतिक दूतावास बनने से अयोध्या की सभ्यता व संस्कृति विदेशों तक पहुंचेगी.”
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार चौरासी कोसी , चौदह कोसी और पंचकोसी परिक्रमा में आने वाले सभी ऐसे स्थलों का सुंदरीकरण करा रही है. परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह छाजन के साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था, पैदल परिक्रमा करने वालों के लिए मार्ग आदि का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. मखौड़ा जैसे प्रमुख स्थलों के विकास के लिए अलग से भी कार्ययोजना तैयार की गई है. बस्ती जनपद के हर्रैया तहसील स्थित मखौड़ा धाम में राजा दशरश ने अपने गुरु वशिष्ठ और श्रृंगी ऋषि के मार्गदर्शन में पुत्रकामेष्टि यज्ञ का आयोजन किया था. अलग-अलग परिक्रमा मार्गों पर कई पौराणिक स्थान हैं जिनका भगवान श्रीराम से संबंध है. ऐसे सभी स्थानों का भी विकास किया जा रहा है. आवास विभाग ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया है. विश्व स्तरीय सलाहकार द्वारा अयोध्या के विकास का जो मॉडल तैयार किया जाएगा, आवास विभाग उसके आधार विकास कराएगा.
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