दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी 1 हजार बसों की खरीद में घोटाले को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार पर आक्रामक है और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रही है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि बसों की खरीद प्रक्रिया में अनियमितता हुई है। इसके लिए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और दिल्ली परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक जिम्मेदार हैं। दोनों को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
इसी कड़ी में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में वर्तमान में 15 हजार बसों की जरूरत है। लेकिन पिछले छह सालों में आम आदमी पार्टी सरकार एक भी बस नहीं खरीद सकी है। इस समय दिल्ली की सड़कों पर चल रही डीटीसी बसों की आयु सितंबर तक पूरी हो जाएगी।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार इन बसों को सितंबर के बाद सड़कों पर नहीं उतारा जा सकेगा। बसों की कमी दूर करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। पारदर्शी तरीके से बसों की खरीद करने की जरूरत है। साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार इस मामले को दबाना चाहती है। इसलिए दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एबीसी) को जांच की अनुमति नहीं दे रही है। ऐसे में हम मामले की शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग से भी करेंगे।
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