मौलवी अब्दुल समद ताबीज देकर इलाज करता है. परवेश, कल्लू एवं आदिल इन सब लोगों को ताबीज दे चुका था. ताबीज लेने वाले लोग भी उसी मज़हब के हैं. उन लोगों को लग गया था कि मौलवी उनके साथ ठगी कर रहा है. सो, उन लोगों ने मौक़ा देखकर मौलवी को पीट दिया. मौलवी ने अपने मज़हब के युवकों से मार खाने के बाद उनके विरुद्ध रिपोर्ट नहीं लिखवाई. उल्टा वीडियो में बयान जारी कर दिया कि उसे 'जय श्री राम' का उद्घोष कराने के लिए मारा पीटा गया था.
गाजियाबाद जिले में मौलवी अब्दुल समद की पिटाई के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ट्विटर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराया है. इस मामले में 8 अन्य के विरुद्ध भी मामला दर्ज हुआ है. ट्विटर पर आरोप है कि इस तरह के साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले वीडियो पर उसने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि वीडियो को इस तरह से प्रचारित किया कि एक मुसलमान पर हमला किया गया. ट्विटर भ्रामक खबरों को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' कहता है, लेकिन इस मामले में ऐसा उसने ऐसा नहीं किया.
गाजियाबाद के लोनी में गत 5 जून को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो में मौलवी अब्दुल समद ने बयान दिया कि कुछ युवकों ने उसकी पिटाई कर दी और असलहा दिखा कर जान से मारने की धमकी दी. उन लोगों ने असलहे के दम पर ‘जय श्री राम’ का नारा लगवाया. मौलवी अब्दुल समद ने अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने प्रारम्भिक जांच में पाया कि मौलवी द्वारा दी गई सभी जानकारी गलत थी. जिन लोगों ने उसे मारा पीटा था. मौलवी उन लोगों को जानता था, बावजूद उसके, एफआईआर अज्ञात लोगों के विरुद्ध दर्ज कराई. घटना स्थल पर ‘जय श्री राम’ का उद्घोष लगाने जैसी कोई घटना नहीं हुई थी. मौलवी ने मारपीट की घटना को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास किया. सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न कराने की नीयत से मौलवी ने इस तरह का बयान रिकार्ड करके सोशल मीडिया पर अपलोड किया था.
मौलवी के साथ मारपीट उसके गलत कर्मों के कारण हुई थी. मौलवी दुआ – ताबीज बनाने का काम करता है. आस- पास के इलाके में लोगों को ताबीज देकर इलाज करता है. गत 5 जून को मौलवी अब्दुल समद एक अन्य व्यक्ति के साथ बुलंदशहर से लोनी – गाजियाबाद पहुंचा. वहां से वह परवेश गुज्जर के घर गया. मौलवी अब्दुल समद इस गांव में पहले भी कई बार आ चुका था. वहां के लोगों ने उससे ताबीज लेकर पहना था. जिन लोगों ने ताबीज पहना था. उन लोगों को लगने लगा था कि मौलवी की ताबीज से उनके परिवार पर विपरीत असर हो रहा है. वो लोग मौलवी अब्दुल समद को मारने – पीटने के चक्कर में थे. घटना के दिन जब मौलवी अब्दुल समद, परवेश गुज्जर के घर पहुंचा तभी वहां पर कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल व मुशाहिद आदि युवक पहुंच गए. इन लोगों ने परवेश गुज्जर के साथ मिलकर मारपीट की.
घटना के बाद मौलवी ने पूरे प्रकरण पर पुलिस एवं समाज के लोगों को गुमराह किया. मारपीट करने वालों को मौलवी अब्दुल समद जानता था मगर उसने अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी. वीडियो में उसने झूठा बयान दिया कि ‘जय श्री राम’ का उद्घोष' कराने के लिए उसके साथ मारपीट की गई थी. पुलिस जब इस मामले की तह में पहुंची तब मुख्य अभियुक्त परवेश गुज्जर की गिरफ्तारी की गई. गत 14 जून को अन्य दो अभियुक्तों कल्लू व आदिल की गिरफ्तारी हुई. अन्य अभियुक्तों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है.
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