आशीष कुमार 'अंशु'
आम आदमी पार्टी का दिल्ली पुलिस के साथ टकराव किसी से छुपी हुई बात नहीं है। कई बार लगता है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली पुलिस की छवि खराब करने के उद्देश्य से सिविल डिफेन्सकर्मियों के अपराध की अनदेखी तो नहीं कर रही है
दिल्ली वालों के लिए भी खाकी वर्दी की वजह से कई बार अंतर कर पाना कठीन होता है कि सड़क किनारे खाकी वर्दी में इकट्ठे हुए युवक दिल्ली पुलिसकर्मी हैं या फिर सिविल डिफेन्सकर्मी। इस खाकी वर्दी का इस्तेमाल सिविल डिफेन्स कर्मी रौब गांठने और पैसे की वसूली में करते हुए पाए गए हैं। उनकी कई मामलों में गिरफ्तारी भी हुई लेकिन यह परेशानी का समाधान तो नहीं है। दिल्ली पुलिस लंबे समय से इस बात की मांग करती रही है कि सिविल डिफेन्स वालों को खाकी की जगह कोई और वर्दी दी जाए। जिससे वे वर्दी की वजह से दिल्ली पुलिस के नाम का गलत इस्तेमाल ना कर सकें। दिल्ली की सारी स्थितियों को जानते हुए भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस बात के लिए राजी नहीं होते। वैसे भी दिल्ली में सिविल डिफेंसकर्मियों की चयन प्रक्रिया को आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता भर्ती योजना के नाम से ही जाना जाता है। अब एक के बाद एक घटनाएं दिल्ली में हो रही हैं, जिसमें सिविल डिफेन्सकर्मी संलिप्त पाए जा रहे हैं। अपने कार्यकर्ता भर्ती योजना को लेकर पार्टी ने कोई गंभीर कदम नहीं उठाया तो आने वाले समय में सिविल डिफेंसकर्मी दिल्ली की विधि व्यवस्था पर स्थायी तौर पर लटकते एक खतरे की तरह ही होंगे।
मुफ्त की यात्रा के लिए एएसआई की वर्दी
पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर खुद को दिल्ली पुलिस का सहायक उपनिरीक्षक बताने वाले 22 वर्षीय सिविल डिफेंस कर्मी जयकिशन यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे आजमगढ़ जाने के लिए ट्रेन लेनी थी और अब वह जेल पहुंच गया है। उसका अपराध यह है कि उसने इस यात्रा के लिए दिल्ली पुलिस के एएसआई की वर्दी पहन ली ताकि रेलगाड़ी में बिना टिकट यात्रा के दौरान उससे टिकट के लिए पूछताछ ना हो। उस सिविल डिफेन्स कर्मी के विरुद्ध पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया।
सिविल डिफेन्सकर्मी जयकिशन यादव एएसआई की वर्दी पहन कर रेलवे परिसर में दाखिल तो हो गया था लेकिन दिल्ली सशस्त्र पुलिस की सातवीं बटालियन में पदस्थ एक सिपाही ने जब उससे पूछा कि इतनी कम उम्र में वह कैसे एएसआई पद तक पहुंचा तो आरोपी इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया और पकड़ा गया।
दिल्ली के अंदर सिविल डिफेन्सकर्मियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। ऐसा नहीं होता तो इस विभाग से एक के बाद एक अराजकता और अपराध की घटनाएं सामने आती जाती और केजरीवाल कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई भी ना करते। यह कैसे संभव हो सकता है ?
सब इंस्पेक्टर बन कर चूना लगा रहा था सिविल डिफेन्सकर्मी
एक सिविल डिफेंस कर्मी को दिल्ली पुलिस ने 7 जून को दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार इलाके से गिरफ्तार किया। आरोप है कि अवैध रुप से पुलिस सब-इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर कोविड 19 के उल्लंघन की जांच कर रहा था। सिविल डिफेन्सकर्मी की पहचान की गई है। वह संगम विहार निवासी सुनील कुमार है।
तीन सिविल डिफेंस कर्मी गिरफ्तार
दिल्ली में कोविड-19 चालान काटने और जुर्माने की राशि वसूलने के आरोप में दिल्ली सिविल डिफेंस के तीन वॉलंटियर्स को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि ये लोग फर्जी तरीके से जुर्माने की राशि वसूल रहे थे।
घटना इसी साल 15 जनवरी की है। आरोपियों की पहचान जामनगर में एसडीएम के कार्यालय में तैनात सनी, यशवंत राठी और लकी के रूप में हुई है। इन तीनों की उम्र 20—21 साल है। गिरफ्तार सिविल डिफेन्सकर्मियों के अनुसार— वे मुख्य रूप से तालकटोरा गार्डन आने वाले लोगों के फर्जी चालान काटा करते थे।
लूटपाट करते हुए धरे गए
नरेला इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने 8 जून को दो सिविल डिफेंसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। उन पर लूट की घटना को अंजाम देने के आरोप हैं। सिविल डिफेन्सकर्मियों की पहचान आयुष और गौरव के रूप में की गई है। आयुष और गौरव के पास से मोबाइल फोन और वारदात में इस्तेमाल मोटर साइकिल मिली है। जो अब पुलिस की कस्टडी में है।
वायरल वीडियो
दक्षिण दिल्ली के हौज खास इलाके में पहले सिविल डिफेंस कर्मियों ने एक कार चालक को बेल्ट से खूब पीटा। यह देखकर वहां जुटी भीड़ ने सिविल डिफेंस कर्मियों की धुनाई कर दी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों की शिकायते लिखीं और क्रॉस केस दर्ज किया। लेकिन सवाल फिर भी यही है कि एक सिविल डिफेन्सकर्मी को दिल्ली की आम जनता पर बेल्ट चलाने का अधिकार किसने दिया ?
बड़ी संख्या में ऐसी वारदातें बीते एक साल में दिल्ली के अंदर अंजाम दी गई हैं। आम आदमी पार्टी का दिल्ली पुलिस के साथ टकराव किसी से छुपी हुई बात नहीं है। कई बार लगता है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली पुलिस की छवि खराब करने के उद्देश्य से सिविल डिफेन्सकर्मियों के अपराध की अनदेखी तो नहीं कर रही है।
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